खजाना गर्म, ठंड में ठिठुर रहे गरीब
संसू दुर्गावती (कैमूर): कड़ाके की ठंड में गरीबों के प्रति प्रशासन संवेदनशील नहीं है। रविवार को शीतलहर
संसू दुर्गावती (कैमूर): कड़ाके की ठंड में गरीबों के प्रति प्रशासन संवेदनशील नहीं है। रविवार को शीतलहर का प्रकोप इतना बढ़ गया है कि गरीब ठंड के मारे ठिठुर रहे हैं। वैसे तो सरकार ने 15 दिन पहले अलाव जलाने के लिए पैसा उपलब्ध करा दिया और इधर प्रशासन का खजाना भले ही गर्म हो मगर गरीब कड़ाके की ठंड में ठिठुर रहे हैं। शासन व प्रशासन ठंड से बचाव के लिए अलाव जलाने और फुटपाथ पर सो रहे गरीबों के बीच कंबल बांटने की व्यवस्था सिर्फ कागजों में की है। इधर आलम यह है कि दिन के 11 बजे तक भगवान भास्कर के दर्शन नहीं हो रहे हैं। छोटे छोटे बाजारों में वाहन पकड़ने के लिए सुदूर गांव के लोग आते हैं और बाजार में अलाव नहीं जलने के कारण चाय की दुकान पर चाय तो पीते ही है साथ चाय की भट्टी की आग से शरीर को भी सेकते हैं।
क्या कहते हैं लोग :
दुर्गावती के सिराजुद्दीन कहते हैं कि सरकार की घोषणा केवल अखबार में दिखाई देती है। और न तो अलाव जला रहा है और न ही कंबल बांटे जा रहे हैं। अखबार विक्रेता राजेश गुप्ता कहते हैं कि सुबह साइकिल से गांवों में अखबार बेचते हैं पर सरकार कही अलाव जलाती दिखाई नहीं पड़ी है। वहीं आरटीआई कार्यकर्ता ठाकुर मल्लाह ने बताया कि सरकार के खजाने से अलाव जलाने के लिए जिला प्रशासन को पैसा उपलब्ध करा दिया गया। लेकिन कड़ाके की ठंड में एक भी जगह अलाव नहीं जल रहे हैं। अधिकारी वातानुकूलित वाहन में चलते हैं। पान दुकानदार गोसाई ने कहा कि सुबह ठंड का असर अधिक दिख रहा है। गरीब फुटपाथ पर घूमते दिखाई देते हैं। उन्हें ठंड से निजात दिलाने के लिए अलाव की जरूरत होती है। मगर प्रशासन द्वारा अलाव नहीं जलाया जा रहा है।