डीएम साहब, चटाई की तरह बिछ रहा कंक्रीट
जमुई। कभी गांव की गलियों में बिछने वाले कंक्रीट की मोटाई मापने के लिए जिलाधिकारी अपने वाहन में गैंता और सावल के साथ निकलते थे।
जमुई। कभी गांव की गलियों में बिछने वाले कंक्रीट की मोटाई मापने के लिए जिलाधिकारी अपने वाहन में गैंता और सावल के साथ निकलते थे। वह दौर था राष्ट्रपति शासनकाल का। तब बिहार के राज्यपाल सरदार बूटा ¨सह और जमुई के जिलाधिकारी डॉ. एन सरवन कुमार थे। बिहार में सुशासन कायम हुआ। सुशासन के बाद भी शहर की गलियों में सड़क और नाली निर्माण में जिस तरह लूट मची है यह देख शहरवासी भौंचक हैं। बुद्धिजीवियों के बीच योजनाओं में मानक की अनदेखी हो रही है और बुद्धिजीवी वर्ग मौन साध देख रहे हैं। जागरण की पड़ताल में जमुई नगर परिषद के वार्ड संख्या 11 में अतिथि पैलेस के समीप से वीर कुंवर ¨सह कालोनी को जाने वाली पीसीसी सड़क का निर्माण नप चुनाव से पूर्व शुरू हुआ था। चुनाव के दौरान कार्य बंद हो गया। एक बार फिर जब कार्य शुरू हुआ तो चटाई की तरह कंक्रीट बिछा दी गई। प्राक्कलन के इतर ढाई से तीन इंच मोटी ढलाई कर सड़क निर्माण पूरा कर दिया गया। पीसीसी ढलाई से पूर्व ईंट सो¨लग में कितने नम्बर का ईंट लगाया गया यह भी बताने में स्थानीय लोगों ने असमर्थता जताई। यह स्थिति नगर परिषद क्षेत्र के अधिकांश योजनाओं में बनी है। कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है। वजह साफ है कि योजनाओं का धरातल पर क्रियान्वयन वार्ड पार्षद व उनके सहयोगियों द्वारा कराया जाता है। स्थानीय निवासी राहुल कुमार ने बताया कि योजना शुरू होने से पहले योजना से संबंधित सूचना पट लगाने का प्रावधान है लेकिन लोगों को पता भी नहीं कितने की योजना है। कितनी लंबाई और चौड़ाई है। ढलाई में दोनों ओर ईंट को ढक कर ढलाई की मोटाई बढ़ा दी गई है। बीच में महज ढाई से तीन इंच ढलाई हुई है। बताया जाता है कि आठ ईंच पीसीसी ढलाई का प्रावधान है।
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कोट
संबंधित योजना में स्थलीय जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। विभाग के अभियंताओं को गुणवत्ता का ख्याल रखने का सख्त निर्देश दिया गया है।
अर¨वद पासवान
कार्यपालक पदाधिकारी
नगर परिषद, जमुई।