नाबार्ड की योजनाओं से किसानों को जोड़ें
जमुई। नाबार्ड प्रायोजित कार्यक्रम के माध्यम से ही विकास की लकीर आसानी से खींची जा सकती है।
जमुई। नाबार्ड प्रायोजित कार्यक्रम के माध्यम से ही विकास की लकीर आसानी से खींची जा सकती है। नाबार्ड के पूर्व महाप्रबंधक संदीप घोष ने उक्त बातें कही। वे सिमुलतला स्थित मानव विकास सेवा संस्थान के कार्यालय में रविवार को नाबार्ड से जुड़े संस्थानों के प्रधान के साथ एक दिवसीय कार्यशाला को उद्घाटन उपरांत संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि नाबार्ड द्वारा प्रायोजित वाटर शेड, बाड़ी आदि लाभकारी योजनाओं के माध्यम से किसान को स्वालम्बी बनाने के साथ गिर रहे वाटर लेवल को भी बचाया जा सकता है। बाड़ी योजना से वैसे किसान या मेहनतकश को जोड़ें जिसके पास पर्याप्त भूमि नहीं। इस योजना का लाभ वे किसान भी उठा सकते हैं जिसके पास भूमि है। इस योजना के माध्यम से हम किसान के विकास में पंख लगा सकते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि ज्यादा से ज्यादा ग्रामीणों को बैंक से जोड़कर उसे केसीसी दिलाएं ताकि किसान मजबूत बन सके। उन्होंने विस्तारपूर्वक नाबार्ड से जुड़ी कई अन्य योजनाओं की जानकारी दी। कार्यशाला का संचालन करते हुए मानव विकास सेवा संस्थान के सचिव भाई अशोक ने कहा कि सिमुलतला में नाबार्ड से जुड़े सभी संस्थानों को एकत्रित कर नाबार्ड के विकास योजनाओं को धरातली स्वरूप दिया जाए। मौके पर समारिटन संस्थान के सचिव साईमन घोष, किशोर जायसवाल, आरके गुप्ता, एसके झा, महेश कुमार, ओमसत्य त्रिवेदी, रामाशीष ¨सह, अरुण झा, ई. संजीव कुमार आदि उपस्थित थे।