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प्रतिद्वंद्वी को फंसाने के लिए रची अपहरण की साजिश

जमुई। कुड़िला गांव निवासी त्रिभुवन यादव ने बीते सोमवार को लापता होने का ढोंग रच प्रतिद्वंद्वियों को फांसने के लिए अपहरण का जाल बुना था।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Aug 2017 03:00 AM (IST)Updated: Fri, 18 Aug 2017 03:00 AM (IST)
प्रतिद्वंद्वी को फंसाने के लिए रची अपहरण की साजिश

जमुई। कुड़िला गांव निवासी त्रिभुवन यादव ने बीते सोमवार को लापता होने का ढोंग रच प्रतिद्वंद्वियों को फांसने के लिए अपहरण का जाल बुना था। इसका खुलासा गिद्धौर पुलिस ने अपहृत त्रिभुवन यादव के मोबाइल लोकेशन के आधार पर किया है। अपहरण का ढोंग रचने तथा लोगों को झूठे मुकदमे में फंसाने सहित अन्य धाराओं के तहत त्रिभुवन को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

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थानाध्यक्ष ज्योति कुमार ने बताया कि त्रिभुवन के लापता होने की प्राथमिकी में आधा दर्जन लोगों को नामजद किए जाने के बाद उसके मोबाइल का लोकेशन निकाला जा रहा था। मोबाइल लोकेशन के अनुसार वह झारखंड के सरायकेला में अपने चचेरा साला के पास ठहरा और वहां से छोटे भाई के नम्बर पर घर से लगातार संपर्क में बना हुआ था। ऐसा इसने जमीन विवाद में प्रतिद्वंद्वी को फंसाने के लिए किया था। गौरतलब हो कि सोमवार को त्रिभुवन की पत्नी पंचा देवी ने गिद्धौर थाना पहुंचकर पति के लापता होने की सूचना देते हुए अपहरण की शंका जताई थी। जिसमें कुड़िला गांव निवासी सुबोध यादव, मनीष यादव, किशोर यादव, वीरेन्द्र यादव, विकास कुमार, सुलेखा कुमारी, चंद्रशेखर यादव तथा एक अन्य व्यक्ति छोटेलाल मरांडी पर जमीन विवाद में अपहरण किए जाने का आरोप लगाया था। वहीं, त्रिभुवन ने नामजद आरोपितों द्वारा सिमुलतला के जंगल में ले जाकर धमकी देते हुए झाझा थाना के धमना बहियार के समीप छोड़ दिए जाने की बात कही है।


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