अधिकारियों से मांगा गया पांच साल का लेखा-जोखा
जमुई। सृजन घोटाले के बाद जमुई में सरकारी एवं गैर सरकारी महकमे में आवंटित राशि की निकासी एवं व्यय की
जमुई। सृजन घोटाले के बाद जमुई में सरकारी एवं गैर सरकारी महकमे में आवंटित राशि की निकासी एवं व्यय की जांच पड़ताल शुरू कर दी गई है। सरकार के निर्देश के आलोक में सोमवार को जिलाधिकारी डॉ. कौशल किशोर ने सभी विभागीय अधिकारियों के साथ मैराथन बैठक की। बैठक में सरकार के कड़े रुख से अवगत कराते हुए पांच साल के लेखा-जोखा से संबंधित रिपोर्ट दो दिनों के अंदर देने का निर्देश दिया गया। इस कार्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी व कर्मी के खिलाफ पहले प्राथमिकी उसके बाद कोई बात सुनी जाएगी। इस बाबत सभी प्रकार की छुट्टी रद किए जाने की भी बात जिलाधिकारी ने कही है। निर्देश के मुताबिक सभी अधिकारियों को फार्मेट उपलब्ध कराया गया है। उक्त फार्मेट में 2012 से लेकर 2017 तक आवंटित राशि के साथ मदवार खर्च का ब्योरा तथा तिथिवार निकासी की अद्यतन जानकारी बैंक के सिस्टम से मुंह मिलान कर दिया जाना है। जिलाधिकारी के सख्त निर्देश के बाद जिले के सभी विभागों के अधिकारियों एवं कर्मियों की चहलकदमी बढ़ गई है। संवादकक्ष में बैठक समाप्त होते ही सभी अधिकारी इस कार्य को अंजाम देने में जुटे हैं। जिलाधिकारी के निर्देश में गैर सरकारी संगठनों को आवंटित राशि विशेष नजर रखने की बात कही गई है। बताया जाता है कि सृजन घोटाला के बाद सरकार ने पहले भी निर्देश जारी कर सभी खाते की जांच कर अद्यतन स्थिति से अवगत कराने का निर्देश जारी किया था। उक्त निर्देश के आलोक में लेखा पंजी, चेक बुक और आवंटित राशि का मिलान भी किया गया। एक बार फिर मुख्य सचिव द्वारा जारी निर्देश के बाद तमाम महकमों में सरगर्मी बढ़ गई है। जिले के प्रभारी सचिव सुधीर कुमार के बुधवार को संभावित जमुई आगमन को लेकर अधिकारी तैयारी में जुट गए हैं। बैठक में डीआरडीए के निदेशक रामनिरंजन चौधरी, आइसीडीएस के डीपीओ विरेन्द्र पांडेय, एसडीओ सुरेश प्रसाद, सिविल सर्जन डॉ. सुरेन्द्र प्रसाद ¨सह, जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम सुधांशु लाल, डीईओ विद्यानंद ¨सह, जिला कृषि पदाधिकारी किरण किशोर सहित सभी विभागों के पदाधिकारी मौजूद थे।