बदले की आग में जल रहा है गौरा गांव
जमुई। लक्ष्मीपुर थाना क्षेत्र का गौरा गाव इन दिनों बदले की आग में जल रहा है। बीते दो वषरें के दौरान
जमुई। लक्ष्मीपुर थाना क्षेत्र का गौरा गाव इन दिनों बदले की आग में जल रहा है। बीते दो वषरें के दौरान एक के बाद एक हत्याएं से लोग सहमे हैं।
फरवरी 2014 में गौरा के पप्पू साह की हत्या कर दी गई। साल भी नहीं गुजरा की 24 दिसंबर 2014 को विशुनदेव विश्वकर्मा मारा गया। विशुनदेव विश्वकर्मा की हत्या के बाद भले ही स्थानीय ग्रामीण कुछ भी कहने से परहेज कर रहे थे । मगर उनकी चुप्पी यह बताने के लिए काफी थी कि विशुनदेव की हत्या कोई अचानक हुई घटना नहीं है बल्कि यह उसी आग की एक चिंगारी है जो उक्त गाव में पप्पू साह की हत्या के बाद लगी है। शायद यही कारण था कि विशुनदेव की हत्या बीच सड़क पर दोपहर के तीन बजे उस समय कर दी गई जब आसपास के खेतों में दर्जनों की संख्या में लोग मौजूद थे और हत्यारा साइकिल पर सवार होकर आसानी से भाग गया। घटना के बाद स्थानीय लोगों द्वारा हत्यारे को पकड़ना तो दूर घटनास्थल की ओर आना भी मुनासिब नहीं समझा गया। ऐसा भी नहीं है कि उक्त गाव में कोई बड़ा आपराधिक गिरोह हो जिससे पूरा इलाका भयभीत हो। मृतक सरयु के बड़े पुत्र कुनकुन साह ने भी बताया कि उसके पिता की हत्या पप्पू साह के परिजनों द्वारा ही कराई गई है। उसकी मानें तो उसका पूर्व से ही पप्पू के साथ विवाद चल रहा था। उसने बताया कि पप्पू आशिक मिजाज आदमी था और वह किसी भी महिला पर गलत नजर रखता था। इसको लेकर एक बार दोनों के बीच जमकर विवाद हुआ था। पप्पू की हत्या भी किसी महिला के साथ अवैध संबंध को लेकर ही हुई थी।