तीन हजार की आबादी को मयस्सर नहीं है बिजली
जमुई। किउल नदी के कछार पर बसे खैरा प्रखंड का चननवर गांव को बिजली मयस्सर नहीं। इस विशाल गांव की आबाद
जमुई। किउल नदी के कछार पर बसे खैरा प्रखंड का चननवर गांव को बिजली मयस्सर नहीं। इस विशाल गांव की आबादी लगभग 3000 है जो चुनाव के वक्त आने वाले सभी प्रत्याशियों को बिजली की व्यथा सुनाते हैं और प्रत्याशी बिजली लाने का वादा भी करते हैं परंतु चुनाव के बाद यह वादा ही बना रह जाता है। गांव के मनोज कुमार ने कहा कि बिजली हमलोगों के लिए स्वप्न है। हमलोग आज भी लालटेन युग में जीते हैं। शिवदानी का कहना है कि आसपास के गांव में जब बिजली जला देखते हैं तो लगता है कि हमें मुंह चिढ़ाया जाता है। आयोध्या, नागो राय का कहना है कि बगल में दो किमी की दूरी पर स्थित कारीटांड़ गांव में बिजली है। उधर से ही राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत तार खींचा गया है। बिजली नहीं रहने से बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है। महिलाओं को गृह कार्य में परेशानी होती है। गर्मी में जीवन तो और भी दूभर हो जाता है। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि यहां के हजारों लोग मोबाइल का उपयोग तो कर लेते हैं पर बिजली का उपयोग नहीं कर पाते हैं।