सरकार और किसान के बीच बैंक बना अड़ंगा
संवाद सहयोगी, जमुई : आपदा के बाद तक्षण सहायता की आस हर पीड़ितों को होती है। शासन-प्रशासन की संवेदनशील
संवाद सहयोगी, जमुई : आपदा के बाद तक्षण सहायता की आस हर पीड़ितों को होती है। शासन-प्रशासन की संवेदनशीलता भी सहायता की कसौटी पर आंकी जाती है। लेकिन जमुई जिले में सरकार और किसान के बीच बैंक अड़ंगा बना है। सरकारी मंशा को अमलीजामा पहनाने में बैंक का रवैया नकारात्मक बना है। लिहाजा बरहट, गिद्धौर, अलीगंज सहित कई प्रखंडों में आंधी-तूफान और बारिश से हुई फसलों के नुकसान का मुआवजा अब तक किसानों के खाते तक नहीं पहुंचा है। लाचार किसान प्रखंड मुख्यालय की दौड़ लगा रहे हैं। प्रशासन बैंकों तक लाभांवित होने वाले किसानों की सूची उपलब्ध कराने का हवाला दे रहे हैं। बावजूद किसान हर शाम खाली हाथ घर लौट रहे हैं। जिला प्रशासन स्तर पर भी अब तक किन-किन प्रखंडों में फसल मुआवजा अनुदान की पूरी राशि किसानों के खाते में भेजी गई इसकी समीक्षा नहीं की जा रही है। इस संदर्भ में पूछे जाने पर जिला बैंकिंग पदाधिकारी सुभाष कुमार बताते हैं कि सोनो को छोड़ किसी प्रखंड के बीडीओ द्वारा शिकायत नहीं की गई है। सोनो बीडीओ द्वारा कैनरा बैंक के बारे में बताया गया। बैंक के अधिकारियों से बात कर किसानों के खाते में राशि भेज दी गई। अब जरा बैंक के रवैये की हकीकत पर नजर डाले। बरहट प्रखंड से 406 किसानों की पहली सूची 15 मई को कैनरा बैंक भेजा गया। बैंक अधिकारी ने हार्ड कापी के बजाय सीडी में सूची का डिमांड किया और इस चक्कर में पिछले एक सप्ताह से किसानों के खाते में आटीजीएस के माध्यम से राशि नहीं भेजी गई। वहीें दूसरी सूची भी प्रतिक्षा में है। इसी प्रकार गिद्धौर प्रखंड के कोल्हुआ पंचायत के किसानों की राशि आरटीजीएस में फंसी है। जबकि मौरा, गंगरा पंचायत के किसानों को भी राशि नहीं मिली है। अलीगंज प्रखंड में भी इस्लामनगर पंचायत को छोड़ अन्य पंचायत के किसानों को फसल मुआवजा की राशि नहीं मिली है। झाझा प्रखंड के बलियाडीह व कानन पंचायत के किसान भी बैंक के रवैये का शिकार बने हैं। जिले के दस प्रखंडों में से अब तक चकाई प्रखंड में 20 लाख, सोनो प्रखंड में 17 लाख मुआवजे की राशि भेजी गई है।
बोले अधिकारी
जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी सह अपर समाहर्ता चौधरी अनंत नारायण ने कहा कि उन्होंने एलडीएम को छानबीन कर इस मामले को शीघ्र निपटाने का निर्देश दिया है।