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दहेज हत्या के मामले में 4 को दस साल की सजा

संवाद सहयोगी, जमुई : वर्ष 2009 में चकाई के मानाकोला गांव में महज 50 हजार रूपये दहेज की खातिर मारी गई

By Edited By: Published: Fri, 30 Jan 2015 07:19 PM (IST)Updated: Fri, 30 Jan 2015 07:19 PM (IST)

संवाद सहयोगी, जमुई : वर्ष 2009 में चकाई के मानाकोला गांव में महज 50 हजार रूपये दहेज की खातिर मारी गई मंजू के गुनहगारों को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम दयालाल प्रसाद ने दस-दस साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई और दस-दस हजार जुर्माना भी लगाया। जुर्माना नहीं देने की स्थिति में 6 माह की सजा अतिरिक्त होगी। सरकार की ओर से मामले में एपीपी धीरेन्द्र कुमार सिंह ने तथा बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सीताराम सिंह तथा लखन शर्मा ने अपनी अपनी दलीलें और साक्ष्य प्रस्तुत किये।

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जमानत पर चल रहे चारों अभियुक्तों को गुरुवार को ही कोर्ट ने दहेज हत्या की धाराओं में दोषी मानकर कस्टडी में ले लिया था। शुक्रवार को कोर्ट में उन्हें प्रस्तुत किया गया जहा उन्हें सजा की घोषणा की गई। घटना के संदर्भ में विदित हो कि उदनाबाद, गिरीडीह के जगदीश वर्मा की बेटी मंजू की शादी 28 अप्रैल 2004 को चकाई मानाकोला के प्रमोद कुमार वर्मा से हुई थी। कुछ दिन रिश्ते सही रहने के बाद मंजू को ससुराल वालों द्वारा प्रताड़ित किया जाने लगा। इस बीच मंजू को एक ढ़ाई वर्ष का पुत्र भी हुआ। बताया जाता है कि ससुराल वाले मंजू से 50 हजार दहेज की मांग कर रहे थे। जिसके एवज में उसके माता पिता ने 5 हजार नगद तथा 5 हजार चेक से भुगतान किया। 1 मार्च को मंजू की मां ने जब उससे बात करनी चाही तो उसके पति ने कल बात कराने की बात कही और दूसरे दिन 2 मार्च 2009 को मंजू की तबियत खराब होने तथा झाझा में इलाज की बात कही गई। उसके माता पिता जब चकाई उसके ससुराल पहुंचे तो मंजू मरी पड़ी थी और गांव वालों ने दहेज के लिए हत्या किये जाने की बात कही। मौत के वक्त मंजू सात माह की गर्भवती थी। मामला दर्ज हुआ और पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक ने भी मुंह नाक बंद करने से दम घुटने की रिपोर्ट दी। बहरहाल महज 50 हजार के लिए एक मंजू की मौत के बदले उसके ससुर तुलसी प्रसाद वर्मा, सास चुनकी देवी, देवर छोटेलाल तथा पति प्रमोद कुमार वर्मा को मिली सजा दहेज लोभियों के लिए एक सबक है।


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