संगीनों के साये में संगीत की देवी की पूजा
संवाद सहयोगी, जमुई : इसे लोगों के बीच कम होता आपसी विश्वास कहें या भगदड़ मचाने वाले हुड़दंगियों की करा
संवाद सहयोगी, जमुई : इसे लोगों के बीच कम होता आपसी विश्वास कहें या भगदड़ मचाने वाले हुड़दंगियों की करामात। विद्या की अधिष्ठात्रि देवी संगीत की स्वरलहरी फैलाने वाली मां सरस्वती की पूजा भी संगीनों के साये में ही पुलिस की कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था और मार्च के बीच आयोजित की गई। जिले में सरस्वती पूजा को लेकर लगातार तीन दिनों से प्रशासन की ओर से लाउडस्पीकर द्वारा प्रचार-प्रसार कर पूजा के दौरान शांति और सौहार्द बनाए रखने की हिदायत के साथ सुरक्षा इंतजाम काफी कड़े कर दिए गए। लगातार पिछले वर्षो में पूजा के दौरान झड़प को देखते हुए प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किया और शहर से लेकर गांव तक सैप, बीएमपी और बिहार पुलिस के जवानों को हथियार के साथ मुस्तैद किया गया था।
जमुई एएसआई विनोद राय के नेतृत्व में सैप जवानों का दस्ता जमुई-लखीसराय रोड होते हुए शहर में शांति व्यवस्था के लिए मार्च कर रहा था तो मोटरसाइकिल पर सवार पुलिस के जवान भी लगातार गश्ती कर रहे थे। डीजे बजाने पर रोक के कारण सरस्वती पूजा में फूहड़ गाने की धुन कम ही सुनाई पड़ी। इस कारण जगह-जगह मां सरस्वती के मंत्र और आरती की आवाज माहौल को भक्तिमय कर लोगों को पूजा में एकाग्रचित कर रही थी। इन सब के बीच लोगों में इस बात की चर्चा बनी रही कि विद्या और बुद्धि प्रदान करने वाली संगीत के स्वरलहरी फैलाने वाली मां सरस्वती की पूजा भी अब संगीनों के साये में करनी पड़ रही है।