डिजीटल इंडिया में जमुई होगा डिजीटल
संवाद सहयोगी, जमुई : प्रधानमंत्री के इंडिया को डिजीटल बनाने की योजना में जमुई सबसे आगे होगा और जमुई के डिस्ट्रीक्ट वेब पोर्टल को प्रधानमंत्री कार्यालय से जोड़ते हुए जिले के विभिन्न विभागों की अद्यतन जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध कराई जाएगी। उक्त बातें जिलाधिकारी शशिकांत तिवारी शनिवार को आयोजित मासिक प्रेस कांफ्रेंस में संवाददाताओं से कही। जिलाधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री के साथ बैठक में जमुई जिले को जिला नियंत्रण कक्ष की सौगात मिली है जो पूरी तरह आपदा से निपटने में सक्षम होगा। जिला नियंत्रण कक्ष में अग्निशमण से लेकर पूरी कम्प्यूटराइज जानकारी लोगों को मिल पाएगी। खाद्य सुरक्षा अधिनियम की अद्यतन जानकारी देते हुए डीएम ने बताया कि खाद्यान्न उठाव व वितरण के मामले में जिला सूबे में तीसरे स्थान पर है। उन्होंने बताया कि जून तक का शत-प्रतिशत उठाव व वितरण हो चुका है। जबकि जुलाई माह में बीस प्रतिशत उठाव हुआ है। डीएम ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्णय के आलोक में अब महीने में दो बार ग्रामीण इलाके में जनता दरबार लगाकर गांव में ही रात्रि विश्राम किया जाएगा। साथ ही वहां के हर समस्याओं का निदान आन द स्पॉट किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिले में खेल को बढ़ावा देने के लिए कारगर कदम उठाए जाएंगे।
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लंबित आवेदनों का निष्पादन करें सुनिश्चित : डीएम
जमुई : जिलाधिकारी शशिकांत तिवारी शनिवार को समाहरणालय के सभाकक्ष में आयोजित बीडीओ, सीओ, सीडीपीओ एवं पीओ की बैठक में कहा कि किसी भी प्रकार के लंबित मामलों का निष्पादन यथाशीघ्र सुनिश्चित करें। श्री तिवारी ने आरटीपीएस की समीक्षा करते हुए कहा कि 500 आवेदन निर्धारित समय सीमा के बाद भी निष्पादित नहीं किए गए हैं। उन्होंने सभी बीडीओ एवं सीओ को आरटीपीएस के तहत प्राप्त आवेदनों को निष्पादित करने का निर्देश दिया। श्री तिवारी ने यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि राजस्व कर्मचारी एवं पंचायत सचिव प्रतिदिन 9 बजे कार्यालय पहुंचे और आरटीपीएस के तहत प्राप्त आवेदनों की जांच प्रतिवेदन देना सुनिश्चित करें। कन्या विवाह योजना की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि इसका निष्पादन भी सुनिश्चित किया जाए। बीते 29 अगस्त को सीएस की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में दिए गए निर्देशों से जिलाधिकारी से सभी अधिकारियों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि महादलित एवं महिलाओं तथा फरियादियों के समस्या का समाधान संवेदनशील होकर करना है। यदि किसी बच्ची के अपराध के घटना की सूचना मिलती है तो उसी समय घटनास्थल पर पहुंचकर आवश्यक कार्रवाई करें। प्राकृतिक आपदा के मामले में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करें।