जमुई से 61 हजार बच्चे गायब
मुरली दीक्षित, जमुई : सुनने में अटपटा लगता है पर सौ फीसद सच है। जमुई से 61 हजार बच्चे गायब हैं। गायब सभी बच्चे 0- 6 वर्ष के हैं। स्वास्थ्य एवं समेकित बाल विकास की फाइलों के आंकड़े इस बात का खुलासा कर रहे हैं। सामाजिक एवं राजनीतिक मंच पर एक दूसरे को झूठा दलील देते जनता देख पाती है। मगर सरकारी फाइलों का सच पहली दफा सामने आया है जिसे जनता आज तक जान भी नहीं पाई थी।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर नजर डाले तो जिले में 0-6 वर्ष आयु के 313455 बच्चे हैं। जिन्हें बीसीजी, मीजिल्स, डीपीटी एवं पोलियो का ड्राप देकर प्रतिरक्षित किया जा रहा है। जिसमें लड़कों की संख्या-160287 तथा लड़कियों की संख्या-153168 बताई जा रही है। इससे इतर समेकित बाल विकास योजना (आईसीडीएस) के वित्तीय वर्ष 2014-2015 के जुलाई तक की रिपोर्ट के मुताबिक जिले में 6 माह से 6 वर्ष के 251574 बच्चे हैं। यानि स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट से 61881 बच्चे कम। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर बच्चे कहां गए। टीकाकरण में बच्चों की संख्या अधिक दिखाई जा रही है या फिर कुपोषण भगाने की मुहिम में बच्चे लाभ से वंचित हो रहे हैं। जाहिर है आंकड़ों के खेल में कई सवाल छुपे हैं जो जांच का विषय है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. अंजनी कुमार सिन्हा बताते हैं कि जिले की कुल जनसंख्या 1894021 है और नेशनल सर्वे के मुताबिक कुल जनसंख्या का 15 प्रतिशत 0 से 6 वर्ष के बच्चे होते हैं। जब पूरे मामले की पड़ताल की गई तो पाया गया कि समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित आईसीडीएस की फाइलों से बच्चे गायब हैं। सरकारी निर्देशों के आलोक में केन्द्र अंतर्गत पोषक क्षेत्र के बच्चों को ही लाभ दिया जा रहा है। लिहाजा इतनी बड़ी संख्या में बच्चे छूट रहे थे। जिला प्रोग्राम पदाधिकारी संतोष कुमार के मुताबिक सरकार के निर्देश पर वंचित बच्चों का सर्वे कराया जा रहा है। अब सभी बच्चों को लाभ मिलेगा।
एक नजर में आंकड़े
आईसीडीएस
6 माह-1 वर्ष -40294
1 वर्ष -3 वर्ष- 85258
3 वर्ष- 6 वर्ष-126022
स्वास्थ्य विभाग के आंकडे़
शून्य - 6 वर्ष 313455