मूल्यांकन कर रहे परीक्षकों ने जताया विरोध
संवाद सहयोगी, जमुई: मैट्रिक की कॉपियों का मूल्यांकन कर रहे परीक्षकों ने शनिवार को विरोध जताते हुए दो घंटे तक मूल्यांकन कार्य से अपने को अलग रखा। बालिका उच्च विद्यालय व प्लस टू बाजार हाईस्कूल में मूल्यांकन कर रहे परीक्षक 18 अप्रैल को हिन्दी के प्रधान परीक्षक पर की गई कार्रवाई पर विरोध जता रहे थे। इस दौरान परीक्षकों ने नारेबाजी भी की। बाद में जिला शिक्षा पदाधिकारी बीएन झा ने दोनों मूल्यांकन केंद्र पहुंचकर परीक्षकों को समझाया। तदोपरांत दो घंटे बाद परीक्षक मूल्यांकन कार्य करने को राजी हुए। डीईओ ने परीक्षकों को बोर्ड द्वारा निर्धारित मापदंडों एवं नियमों के अनुकूल कार्य करने की नसीहत दी। उन्होंने परीक्षकों को समाज में उनकी मर्यादा कायम रहे इसका ख्याल रखने को कहा। उन्होंने कहा कि बोर्ड ने केंद्र में मोबाइल ले जाने पर रोक लगा रखी है। बिहार विद्यालय परीक्षा संचालन अधिनियम 1981 के तहत पकड़े गए प्रधान परीक्षक प्रेमचंद पांडेय एवं अरुण कुमार सिंह से जुर्माना वसूल कर छोड़ दिया गया है। प्रधान परीक्षक प्रेमचंद पांडेय को मूल्यांकन कार्य से अब अलग रखा जाएगा।
बताते चलें कि शुक्रवार को डीईओ व डिप्टी कलेक्टर सुभाष कुमार ने औचक निरीक्षण कर बालिका हाईस्कूल केंद्र से प्रधान परीक्षक सहित अवांछित रूप से केंद्र में प्रवेश करने वाले अरूण कुमार सिंह को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया था। बाद में मूल्यांकन निदेशक नीलम सिंह के आवेदन पर पुलिस ने कार्रवाई की।
इनसेट
सच का आइना कैसे हो धूमिल
जमुई : मैट्रिक की कॉपियों के मूल्यांकन में अंकों का हेरफेर कोई नई बात नहीं है। शहर के होटलों में ठहरे मधुबनी जिले के दलाल किसी समारोह में शामिल होने नहीं आए। बालिका उच्च विद्यालय में अरूण कुमार का पकड़ा जाना यह बताने को काफी है। वर्ष 2013 में भी पैसे लेकर अंक बढ़ाने का खेल खेला गया था। 38 परीक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज हुई थी। यह बात अलग है कि सभी परीक्षक एक समान नहीं होते। लिहाजा विरोध जताकर सच के आइने को झुठलाया नहीं जा सकता।