नहीं मिला इंसाफ, उच्च न्यायालय में करेंगे अपील
संवाद सहयोगी, जमुई : 15 अगस्त 2010 को दिनदहाड़े महाराजगंज-महिसौड़ी मार्ग में शिव पार्वती ज्वेलर्स के समीप 17 वर्षीय युवक अजहर उल्लाह की गोली मारकर की गई हत्या के मामले में तीनों आरोपियों को न्यायालय ने बरी कर दिया। न्यायालय के फैसले के बाद परिजन ने कहा कि हमें न्याय नहीं मिला। इस फैसले के विरूद्ध उच्च न्यायालय में अपील करेंगे।
महिसौड़ी स्थित पोस्टमार्टम हाउस के समीप अजहर उल्लाह के पिता मु. मोतीउल्लाह, मां यासमीन, दादी आरजू एवं छोटी बहन गुलजमी उर्फ हीना की आंखों से आंसू बह रहे थे। सभी मायूस होकर उपर वाले को कोस रहे थे। दादी आरजू ने कहा कि उपर वाला नहीं है। यदि होता तो पोते के हत्यारे को सजा जरूर मिलती। पिता मोतीउल्लाह लोक जनशक्ति पार्टी के जिलाध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा कि न्यायालय के फैसले ने हमे अंदर से तोड़ दिया है। दिनदहाड़े मेरे बेटे की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। परंतु न्यायालय ने आरोपियों को बरी कर दिया। बताते चलें कि वर्ष 2010 में जब पूरा शहर आजादी की वर्षगांठ मना रहा था उसी समय अपराधियों ने युवा दवा व्यवसायी अजहर उल्लाह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में पिता मोतीउल्लाह के बयान पर जमुई थाना कांड संख्या 233/10 दर्ज कराया गया था। प्राथमिकी में रहीम, वकील मियां एवं गुड्डू खान को अभियुक्त बनाया गया था। न्यायालय में सुनवाई के दौरान संथु के मु. मोहसीन, आमीन के मु. जमील एवं मृतक के पिता मु. मोतीउल्लाह ने गवाही दी थी। अभियुक्त गुड्डू खान एवं वकील मियां जमानत पर था। जबकि मु. रहीम मियां जेल में बंद था। बताया जाता है कि अगस्त 2011 में उसी मार्ग पर अवस्थित रोज मेडिकल के मालिक मु. जलाल को अपराधियों ने गोली मारी थी। इस मामले में भी रहीम मियां आरोपी था।