लू से बचाव को ले आपदा प्रबंधन विभाग ने किया सजग
जहानाबाद। भीषण गर्मी एवं पछुआ हवा के थपेड़ों से आजीज लोग कई तरह की बीमारियों से आक
जहानाबाद। भीषण गर्मी एवं पछुआ हवा के थपेड़ों से आजीज लोग कई तरह की बीमारियों से आक्रांत हो रहे हैं। इससे बचाव के लिए स्वयं ही सजग एवं सतर्क रहने की आवश्यकता है। आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा भी बचाव के लिए जनहित में उपाय जारी किया गया है। लू से बचाव के लिए जहां तक संभव हो धूप में बाहर न निकलें। जितनी बार हो सके पानी पियें। प्यास न भी लगी हो तो भी पानी पियें। सफर में अपने साथ पीने का पानी अवश्य रखें। जब भी बाहर धूप में जाएं तो हल्के रंग का ढिला ढाला सूती कपड़े पहने, धूप के चश्मे का इस्तेमाल करें, गमछे या टोपी से अपने सिर को ढंक्के और हमेशा जुत्ता या चप्पल पहनें । अधिक तापमान में कठिन काम न करें। जहां तक संभव हो कड़ी धूप में बाहर के काम से बचें। अगर आप का काम बाहर का है तो टोपी, गमछा या छाते का इस्तेमाल जरूर करें और गीले कपड़े को अपने चेहरे, सिर व गर्दन पर रखें। हल्का भोजन कर अधिक पानी की मात्रा वाले फल जैसे तरबूज, खीरा, नींबू तथा संतरा आदि का सेवन करें। ज्यादा प्रोटीन वाले भोजन के सेवन से बचें। मांस, मेवे शारीरिक तापमान को बढ़ाते हैं। घर में बना पेयजल जैसे लस्सी, नमक, चीनी का घोल, छाछ, नींबू-पानी, आम का पन्ना इत्यादि का नियमित सेवन करें। बच्चों और पालतू जानवरों को पार्क किए हुए वाहन में अकेला न छोड़े। जानवरों को छाव में रखें एवं उन्हें खूब पानी पिलाए। अपने घर को ठंडा रखें। पर्दे, शटर का आदि का इस्तेमाल न करें। रात में खिड़कियां खुली रखें। स्थानीय मौसम के पूर्वानुमान और तापमान में परिवर्तन के बारे में सतर्क रहे। अगर आपकी तबीयत ठीक न लगे या चक्कर आए तो तुरंत डा. से संपर्क करें।
लू लगने के लक्षण
ये लक्षण एवं पहचान बिना किसी चेतावनी के आ सकते हैं।
-काफी तेज बुखार (104 एफ या अधिक)
-त्वचा का गर्म, रुखा एवं लाल होना। पसीना नहीं आना
-पहले गहरी सांस लेना व नाड़ी का तेज हो जाना, फिर सांसों का धीमा हो जाना एवं नाड़ी का कमजोर हो जाना
-भ्रम एवं मतिभ्रम की स्थिति उत्पन्न होना
-एठन होना
-चेतना का लुप्त होना तथा बेहोशी छाना
-उल्टी एवं डायरिया का होना
लू लगने पर क्या करें
-लू लगे व्यक्ति को छाव में लिटा दें। अगर तंग कपड़े हो तो उन्हें ढीला कर दें या हटा दें।
-ठंडे गीले कपड़े से शरीर पोछें या ठंडे पानी से स्नान कराएं
-व्यक्ति को ओआरएस, नींबू-पानी, नमक-चीनी का घोल पीने को दें जो कि शरीर में जल की मात्रा को बढ़ा सकें।
-यदि व्यक्ति पानी की उल्टी करें या बेहोश हो तो उसे कुछ भी खाने व पीने को न दें।
-लू व्यक्ति की हालत में एक घंटे तक सुधार न हो तो उसे तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में ले जाएं।