14 वर्ष बाद भी जिले को मौलिक संसाधन नहीं
जागरण संवाददाता, अरवल : रेल लाइन, व्यवहार न्यायालय व सिंचाई सहित अन्य समस्याओं को लेकर वाम लोकतांत्रिक दलों का कार्यकर्ता कन्वेंशन भाकपा कार्यालय में संपन्न हुआ। कन्वेंशन में वक्ताओं ने कहा कि अरवल को जिला बने चौदह वर्ष बीत गये। इसके बावजूद यह जिला विकास के कई मौलिक संसाधनों से वंचित है। चाहे सामाजिक न्याय की सरकार हो या न्याय के साथ विकास की सरकार, किसी ने भी अरवल के साथ न्याय नहीं किया। अब तक न तो व्यवहार न्यायालय का गठन हुआ और न हीं जेल का निर्माण। बिहटा औरंगाबाद रेल लाइन से जिले को जोड़ने का सब्जबाग तो जरूर दिखाया गया। अच्छे दिन लाने वाले मोदी सरकार के रेलवे बजट से गायब हो गया। नेताओं ने कहा कि व्यवहार न्यायालय, जेल व रेल लाइन से जहां आमजनों की मुश्किलें दूर होती हैं।
वहीं काफी हद तक नौजवानों को रोजगार का साधन भी उपलब्ध होता है। सोन नहर की उपलब्धता के बावजूद सुसंगत प्रबंध के अभाव में खेतों में समय पर पानी नहीं मिलता है और न ही सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली। कोचहासा रजवाहा, अमरा रजवाहा, माली रजवाहा, सैदपुर रजवाहा में पानी नहीं आता है। योगिया नाला, बराज की उंचाई कम होने से बहुत बड़ी आबादी सिंचाई से वंचित रह जाएगा। इन सारी समस्याओं को लेकर कन्वेंशन में जोरदार आंदोलन चलाने का निर्णय लिया गया। जिसकी शुरुआत शहीद जगदेव प्रसाद की पुण्य तिथि पर कुर्था प्रखड पर धरना व सभा से होगी। विभिन्न प्रखंडों व बाजारों पर जन सभा करते हुए ग्यारह सितम्बर को समाहरणालय पर धरना दिया जाएगा। आठ सितम्बर को करपी प्रखंड, नौ को वंशी तथा दस सितम्बर को तेलपा बाजार में जन सभा होगा। वहीं तेइस सितम्बर से अड़तालीस घंटे का धरना उपवास जिलाधिकारी के समक्ष होगा। कन्वेंशन में भाकपा, आईपीएफ, माकपा व शोषद के नेता शामिल थे। कन्वेंशन की अध्यक्षता पांच सदस्यीय अध्यक्ष मंडलने किया। अध्यक्ष मंडल में सुरेन्द्र यादव, राजेन्द्र सिंह, दीनानाथ सिंह, उमेश ठाकुर व रामप्रवेश यादव थे।