गर्मी बढ़ने के साथ गिरने लगा भू-जल स्तर
दिनोंदिन बढ़ रही गर्मी का असर जलस्तर पर भी पड़ने लगा है। एक माह पूर्व तक जहां बीस से 25 फीट नीचे पानी का लेयर उपलब्ध था।
गोपालगंज। दिनोंदिन बढ़ रही गर्मी का असर जलस्तर पर भी पड़ने लगा है। एक माह पूर्व तक जहां बीस से 25 फीट नीचे पानी का लेयर उपलब्ध था। अब यह घटकर तीस से 32 फीट नीचे चला गया है। इसका असर उन इलाकों में पड़ता दिख रहा है, जहां लोग 25 फीट नीचे का पानी पीते थे।
वैसे यह जिला शुरू से ही पानी के मामले में धनी रहा है। सात नदियों वाले इस जिले में पानी बीस से 25 फीट पर उपलब्ध रहता है। बीते ठंड के मौसम तक जलस्तर सामान्य था। लेकिन अब गर्मी बढ़ने के साथ ही भू जलस्तर गिरकर फीट नीचे चला गया है। दिनोंदिन बढ़ रही गर्मी का असर जलस्त्रोतों पर भी पड़ रहा है। गांवों में स्थित कुआं तथा तालाब का पानी सूखने लगा है। ग्रामीण बताते हैं कि जो चापाकल गांवों में बीस से 25 फीट नीचे थे, उन चापाकलों से अब पानी कम निकल रहा है। वैसे पिछले चार-पांच साल से हर गर्मी में पानी की समस्या गंभीर होती जा रही है। भू जलस्तर गिरने पानी को लेकर समस्याएं बढ़ती जा रही है।
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कब तक रहती है यह समस्या
गोपालगंज : ग्रामीण बताते हैं कि गर्मी के मौसम में अप्रैल माह की शुरुआत के बाद चापाकलों से पानी निकलना कम होता है। जून आते-आते कुछ चापाकल पूरी तरह से सूख जाते हैं। ग्रामीण चापाकलों में तकनीकी खराबी मानकर उसकी मरम्मत में लगे रहते हैं, तबतक बरसात का मौसम शुरू हो जाता है और जलस्तर की समस्या फिर समाप्त हो जाती है।
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ग्रामीणों को नहीं है जानकारी
गोपालगंज : जलस्तर नीचा होने तथा इससे होने वाली समस्याओं के बारे में ग्रामीणों को पूरी जानकारी नहीं है। जल स्तर गिरने से होने वाली समस्याओं से गांवों में रहने वाले 70 प्रतिशत लोग अनजान हैं। उन्हें जल संरक्षण बारे में जानकारी देने के लिए कोई भी अभियान नहीं चलाया गया है। जिसे पानी के मामले में धनी इस जिले में गर्मी में पानी को लेकर संकट गहराता जा रहा है।