तीस हजार आवेदन और महज 17 को मिला काम
गोपालगंज । महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम भले ही साल में सौ दिन के रोज
गोपालगंज । महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम भले ही साल में सौ दिन के रोजगार की गारंटी के लिए शुरू की गई है। लेकिन इस जिले में साल में एक सौ दिन का रोजगार पाना मुश्किल है। जाब कार्ड धारक कार्ड लेकर रोजगार की मांग करते तो हैं, लेकिन उन्हें काम नहीं के बराबर मिलता है। आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि पूरे जिले में सौ दिनों की रोजगार गारंटी स्कीम सफल नहीं हो पा रही है। वर्ष के शुरुआती 124 दिन की अवधि में केवल 17 लोगों को सौ दिनों का काम मिलना इस बात की सबूत है।
विभागीय सूत्र बताते हैं कि रोजगार गारंटी स्कीम के तहत ग्रामीण इलाकों में रहने वाले बेरोजगार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए पूरे जिले में 3,41,167 लोगों के जाब कार्ड बनाए गए हैं। इस कार्ड के सहारे ही लाभुकों को काम दिया जाता है। योजना मद में पर्याप्त राशि भी उपलब्ध होने के बाद भी बेरोजगार लोगों के समक्ष रोजगार के लाले पड़े हुए हैं। यह दशा हरेक प्रखंड की है। सदर प्रखंड से लेकर दूर दराज के प्रखंडों तक की स्थिति एक समान है। हद तो यह कि जिले के कई प्रखंड में एक भी व्यक्ति को सौ दिन का काम उपलब्ध नहीं कराया गया। यह स्थिति तब रही जब इस अवधि में जिले में 30,600 लोगों ने आवेदन देकर काम की मांग किया है।
सिर्फ 177 दिव्यांग को मिला काम
गोपालगंज : मनरेगा के तहत दिव्यांग लोगों को भी जाब कार्ड निर्गत किए गए हैं। लेकिन विभागीय आंकड़े बताते हैं कि इस साल के शुरुआती सात माह में 177 दिव्यांग को ही काम मिल सका है। अलबत्ता इन दिव्यांगों को भी कितने दिनों का रोजगार मिला, इस बात की जानकारी विभाग को नहीं है।
वानिकी योजना से भी नहीं मिला लाभ
गोपालगंज : सौ दिन के रोजगार की गारंटी के लिए सामाजिक वानिकी योजना के तहत पौधरोपण करने के बाद लगाए गए पौधों की रक्षा की जिम्मेदारी वन पोषकों को दी गई। वन पोषक के कार्य में भी मनरेगा के जाब कार्ड धारकों को ही लगाया गया। इस कार्य में करीब चालीस हजार वन पोषक लगाए गए। लेकिन वन पोषकों को लगाए जाने के बाद भी सौ दिनों के रोजगार की कोई व्यवस्था नहीं हो सकी है।
यहां किसी को नहीं मिला सौ दिन काम
गोपालगंज : सरकारी स्तर पर तमाम प्रयास के बाद भी जिले के गोपालगंज, बैकुंठपुर, बरौली, विजयीपुर तथा हथुआ प्रखंड को छोड़कर किसी भी अन्य प्रखंड में किसी को भी व्यक्ति को सौ दिन का काम नहीं मिल सका। हद तो यह कि इस अवधि में सौ दिन का काम उपलब्ध नहीं करा पाने के एवज में किसी भी अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
फिसड्डी रहा विभाग
गोपालगंज : सौ दिन का काम देने के मामले में ग्रामीण विकास विभाग वर्तमान वित्तीय वर्ष में अबतक पूरी तरह से फिसड्डी रहा है। आंकड़े बताते हैं कि पिछले वित्तीय वर्ष में इस अवधि में 82 लोगों को सौ दिन का काम दिया गया था। इस साल यह आंकड़ा मात्र 17 पर सिमट गया है।
कहां कितने को मिला सौ दिनों काम
प्रखंड सौ दिन का काम
गोपालगंज 01
मांझा 00
बरौली 01
सिधवलिया 00
बैकुंठपुर 08
कुचायकोट 00
थावे 00
हथुआ 03
उंचकागांव 00
फुलवरिया 00
भोरे 03
विजयीपुर 01
कटेया 00
पंचदेवरी 00
कुल 17
नोट : यह आंकड़ा 23 जुलाई तक का है।