अस्पताल व कलेक्ट्रेट में नहीं लगा सोलर प्लांट
गोपालगंज। हर दिन घंटों बिजली की कटौती होने की स्थिति में महत्वपूर्ण कार्यालयों में सोल
गोपालगंज। हर दिन घंटों बिजली की कटौती होने की स्थिति में महत्वपूर्ण कार्यालयों में सोलर प्लांट लगाने की कार्ययोजना करीब दो साल बाद भी धरातल पर नहीं उतर सका है। यह स्थिति तब है जबकि ब्रेडा ने वर्ष 2013 के अक्टूबर माह में ही एक साल के अंदर सोलर प्लांट लगाने की घोषणा की थी। तब से लेकर लगातार आधिकारिक स्तर पर सुस्ती के कारण कलेक्ट्रेट व सदर अस्पताल के अलावा जिला अतिथि गृह में सोलर प्लांट नहीं लग सका है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 2013 में ब्रेडा की ओर से कलेक्ट्रेट सहित जिले के इन तीन महत्वपूर्ण स्थानों में सोलर प्लांटों की स्थापना करने का निर्णय लिया है। इस कार्य को अमलीजामा पहनाने के लिए तत्काल प्रयास शुरू करने का निर्देश देते हुए ब्रेडा ने इस कार्य में लगने वाली कंपनी को इसी साल एक स्थान पर सोलर प्लांट लगाने का कार्य पूर्ण करने को कहा था। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि नई व्यवस्था के तहत इन तीनों स्थानों पर 25-25 केवीए का सोलर प्लांट स्थापित किया जाना था। सोलर प्लांटों की स्थापना के लिए डीपीआर तैयार करने का जिम्मा पूरे सूबे में कार्य कर रही चार कंपनियों को सौंपा गया था। तब इस व्यवस्था को प्रदेश के कई जिलों में लागू करने की कार्ययोजना थी। प्रथम चरण में कार्य एजेंसियों को जिला आवंटित करने के साथ ही डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन एक साल बाद भी इस दिशा में कोई कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है।
स्मार पत्र के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
गोपालगंज : सोलर प्लांट लगाए जाने को लेकर तत्कालीन उप विकास आयुक्त ने ब्रेडा के निदेशक को दो बार स्मार पत्र भी भेजा है। इसके बाद भी सोलर प्लांट लगाने की योजना धरातल पर उतरती नहीं दिख रही है।
डीजल पर प्रति वर्ष लाखों खर्च
गोपालगंज : सूत्रों की मानें तो कलेक्ट्रेट के अलावा सदर अस्पताल जैसे स्थानों पर बिजली नियमित नहीं रहने के कारण प्रति वर्ष लाखों रुपया डीजल पर खर्च होते हैं। ऐसे में अगर सोलर प्लांट स्थापित कर दिया गया होता तो सरकार को लाखों रुपये की बचत स्पष्ट रूप से होती।