ध्यान नहीं देने पर चटक सकती है हड्डियां
गोपालगंज। जिले में हड्डियों की बीमारी आस्टियोपोरोसिस तेजी से दस्तक देने लगी है। ऐसे में अग
गोपालगंज। जिले में हड्डियों की बीमारी आस्टियोपोरोसिस तेजी से दस्तक देने लगी है। ऐसे में अगर कमर या पीठ में दर्द हो तो इससे हल्के से मत लें। कमर या पीठ में दर्द इस बीमारी के शुरुआती लक्षण भी हो सकते हैं। शुरुआती लक्षण की अनदेखी आगे चल कर गंभीर परेशानी का कारण बन सकता है। हल्का सामान उठाने या तेज चलने फिरने के दौरान ही हड्डियां चटक सकती है। चिकित्सक बताते हैं कि जीवन शैली बदलाव और खानपान में गड़बड़ी की देन आस्टियो पोरोसिस चुपके-चुपके हड्डियों को कमजोर करती जाती है। कई बार इसका पता तब चलता है जब रीढ़, कलाई या कूल्हे की हड्डी में फ्रैक्चर की शिकायत हो जाती है। वे कहते हैं कि आस्टियो पोरोसिस हड्डियों तथा कूल्हें के फ्रैक्चर की बड़ी वजह है। इसकी शुरुआत हल्की चोट से भी हड्डी टूटने से होती है। कई बार तो ऐसा देखा जाता है कि कोई सामान उठाते समय और यहां तक की सामान्य दिनचर्या में भी रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर हो जाता है। अक्सर लोग बीमारी के शुरुआती लक्षणों को समझ नहीं पाते और इलाज नहीं कराते। यही लापरवाही समस्या की मूल वजह है। चिकित्सक बताते हैं कि जिले में कमर दर्द और पीठ दर्द से परेशान पचास साल की तीन-चौथाई महिलाएं और साठ वर्ष से अधिक के चालीस फीसदी पुरुष इस बीमारी से पीड़ित मिलते हैं। यह बीमारी जिले में तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में कमर या पीठ दर्द होने पर इसे हल्के से लेने की बजाय चिकित्सक से जरूर दिखा लें।
बीमारी के लक्षण
- कमर या पीठ में लगातार दर्द की शिकायत
- मामूली चोट पर भी हड्डियों में फ्रैक्चर या सूजन
क्या है बीमारी के कारण
- व्यायाम व शारीरिक श्रम की कमी
- फास्ट फूड, कोल्ड ड्रिंक आदि का अधिक मात्रा में सेवन
- दूध और इससे बने पदार्थो व कैल्शियम युक्त पोषक पदार्थो का कम सेवन
- इस बीमारी के आनुवांशिक कारण भी हो सकते हैं
- थायरायड हारमोन की कमी और ग्रोथ हारमोन में गड़बड़ी से भी होती है यह बीमारी
- शराब का अधिक सेवन और धू्रमपान
- लंबे समय तक स्टेरायड आदि दवाओं का सेवन
- महिलाओं में मासिक धर्म बंद होने तथा एक खास तरह का हारमोन
इनसेट
ऐसे कर सकते हैं बचाव
- भोजन में दूध और इससे बने पदार्थो, प्रोटीन व दूसरे पोषक तत्वों को करें शामिल
- रजोनिवृत महिलाएं खासतौर पर कैल्शियम व विटामिन डी युक्त भोजन का सेवन करें
- फास्ट फूड के सेवन से बचें
- 40-45 की उम्र के बाद हड्डियों के धनत्व की नियमित जांच कराएं
- रोग का लक्षण दिखते ही तत्काल इलाज कराना चाहिए