अभियान के 45 दिन और खरीद महज 575 एमटी
गोपालगंज। पैक्सों के माध्यम से धान क्रय का अभियान अबतक महज कागजी साबित हुआ है। धान क्रय का अभियान शु
गोपालगंज। पैक्सों के माध्यम से धान क्रय का अभियान अबतक महज कागजी साबित हुआ है। धान क्रय का अभियान शुरु हुए 45 दिन की अवधि पूरी हो चुकी है। लेकिन इस अभियान में अबतक महज 575 मीट्रिक टन धान का क्रय होना अभियान की विफलता की कहानी बता रहा है। स्थिति यह है कि अबतक लाइसेंस प्राप्त सभी 164 पैक्स धान का क्रय शुरू भी नहीं कर सके हैं।
विभागीय सूत्र बताते हैं कि वर्तमान वर्ष में एक दिसंबर से जिले में धान क्रय का अभियान शुरू किया गया। इस अभियान के लिए जिले में 76 हजार मीट्रिक टन धान की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह धान जिले में स्थित 234 पैक्सों तथा चार व्यापार मंडल के माध्यम से खरीदे जाने का निर्णय लिया गया। अभियान की शुरुआत के समय से ही इस कार्य में सुस्ती प्रारंभ हो गई। धान खरीद अभियान उद्घाटन के बाद धान की खरीद में सुस्ती का आलम यह रहा कि 45 दिन के अभियान में पूरे जिले में महज 575 एमटी धान की खरीद हो सकी है। ऐसे में 15 अप्रैल तक चलने वाले इस अभियान में धान क्रय का लक्ष्य प्राप्त होने की संभावना दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है। विभागीय स्तर पर धान क्रय में लापरवाही का आलम यह है कि जिले के 234 में से महज 164 पैक्स को ही धान क्रय का लाइसेंस निर्गत किया गया है। यानि 70 पैक्सों से इस साल धान खरीद होने की संभावना नहीं है। हद तो यह कि जिन पैक्सों को धान खरीद का लाइसेंस प्राप्त है उनमें से करीब साठ पैक्सों से एक किलोग्राम भी धान का क्रय नहीं हो सका है। जिले के तीन प्रखंड बैकुंठपुर, बरौली तथा पंचदेवरी में एक किलोग्राम भी धान का क्रय नहीं होना इस बात का सबूत है।
व्यापार मंडल में भी नहीं शुरू हुई धान खरीद
गोपालगंज : धान की खरीद में इस साल व्यापार मंडल काफी पीछे दिख रहा है। आंकड़े बताते हैं कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में व्यापार मंडल के माध्यम से 16 हजार मीट्रिक टन धान की खरीद किये जाने का लक्ष्य निर्धारित है। लेकिन अबतक व्यापार मंडल की ओर से एक किलोग्राम भी धान की खरीद नहीं की जा सकी है।
नमी के नाम पर किसानों का शोषण
गोपालगंज : धान की खरीद में सबसे बड़ी समस्या नमी है। नमी के नाम पर किसानों का धान लेने से पैक्स इंकार कर रहे हैं। ऐसे में रबी अभियान में पैसों की दरकार को देखते हुए किसान अपना धान खुले बाजार में बेचने को विवश हो रहे हैं। ज्ञातव्य है कि विभाग 17 प्रतिशत से कम नमी वाले धान को ही खरीदने का निर्देश जारी किया है।
खुले बाजार में शोषण
गोपालगंज : किसानों का धान पैक्स या व्यापार मंडल के क्रय केन्द्र पर नहीं लिये जाने के कारण किसान खुले बाजार में धान बेचने को विवश हो रहे हैं। लेकिन बाजार में उनका शोषण हो रहा है। आज किसान पैसों की जरूरत को देखते हुए अपना धान सरकारी दर से दो सौ से ढाई सौ रुपये सस्ते दर पर बाजार में बेचने को विवश हो रहे हैं।
मौसम में सुधार हो रहा है। ऐसे में धान की नमी तेजी से कम हो रही है। मौसम में और सुधार हुआ तो धान क्रय में अपेक्षित तेजी आ जाएगी।
बबन मिश्र, डीसीओ