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तटबंधों की बदहाली बढ़ा रही ग्रामीणों की धड़कन

गोपालगंज। नेपाल में मानसून सक्रिय होने से गंडक नदी का जलस्तर भी बढ़ने लगा है। जलस्तर बढ़ने के साथ

By Edited By: Published: Wed, 01 Jul 2015 06:24 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2015 06:24 PM (IST)
तटबंधों की बदहाली बढ़ा रही ग्रामीणों की धड़कन

गोपालगंज। नेपाल में मानसून सक्रिय होने से गंडक नदी का जलस्तर भी बढ़ने लगा है। जलस्तर बढ़ने के साथ ही अब नदी अपने तट के किनारे कटाव करते हुए तटबंध की तरफ बढ़ने लगी है। इसकी के साथ ही दियारा इलाके के लोगों को बाढ़ की चिंता भी सताने लगी है। गंडक नदी की जलस्तर बढ़ने का सिलसिला शुरू होने के साथ ही तटबंधों की बदहाली से इस इलाके के ग्रामीणों की धड़कन बढ़ गयी है। सदर प्रखंड से लेकर बैकुंठपुर प्रखंड के दियारा इलाके के गांवों को बाढ़ से बचाने के लिए सारण मुख्य तटबंध है तो कई रिंग बांध भी बने हुए हैं। लेकिन इन बांधों की दशा ने ग्रामीणों की नींद उड़ा दी है। ग्रामीणों ने बाढ़ की आशंका से उससे बचने के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है। लेकिन तटबंधों की बदहाली के प्रति अभी भी विभागीय पदाधिकारी उदासीन बने हुए हैं।

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सदर प्रखंड के जादोपुर बाजार से दियारा इलाके को जोड़ने वाली सारण तटबंध को ही देखें तो इसकी बदहाल दशा इस बार गंडक के उफान को शायद ही झेल सके। इस इलाके के ग्रामीण बताते हैं कि सारण तटबंध बाढ़ से सुरक्षा देने के साथ ही कई गांवों में आने जाने का रास्ता भी है। लेकिन अब इसकी दशा बदहाल हो गयी है। मशानथाना गांव निवासी धीरज सिंह ने बताया कि मशानथाना, पतहरा, हिरा पाकड़, जादोपुर दुखहरण व दुबे टोला गांव के लोग शहर में आने के लिये सारण तटबंध होकर ही जाते है। पिछले कई सालों से बांध की स्थिति काफी बदहाल है। बारिश के मौसम में लोगों को इस बांध से होकर जाने में काफी परेशानी होती है। मशानथाना गांव निवासी राजीव रंजन सिंह, सुमंत कुमार कहते हैं कि दियारा इलाके के लोग जादोपुर बाजार व गोपालगंज जाने के लिये सारण तटबंध होकर ही जाते है। इसी पर आटो से लेकर ट्रैक्टर होकर जाते हैं। जिससे इसकी दशा काफी खराब हो गयी है। ऐसे में जब जिले में मानसून सक्रिय होगा तब कई गांव के लोग अपने घरों में ही कैद हो जाएंगे। गंडक नदी का उफान भी शायद ही यह तटबंध इस बार झेल सके। इस इलाके के ग्रामीण बताते हैं कि मुख्य तटबंध की दशा सुधारने के लिए कई बार विभाग को आवेदन दिया गया। लेकिन कोई काम नहीं हुआ। अब गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने के साथ ही बाढ़ की आशंका से इस इलाके के लोगों की धड़कन भी बढ़ने लगी है।

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मटियारी रिंग बांध की दशा भी बदहाल

बैकुंठपुर(गोपालगंज): पिछले साल जब गंडक नदी उफान पर थी तब प्यारेपुर - मटियार रिंग बांध से गंडक नदी का पानी ओवर फ्लो कर गांवों में फैलने लगा था। इस रिंग बांध के आसपास पड़ने वाले गांव के ग्रामीण घर छोड़ कर पलायन करने लगे थे। लेकिन कुछ दिन बाद ही गंडक नदी का जलस्तर घट जाने से बाढ़ से बर्बाद होने से कई गांव बच गए। इस इलाके के ग्रामीण बताते हैं कि प्यारेपुर मटियारी रिंग बांध प्यारेपुर, मटियारी, आशा खैरा, महम्मदपुर आदि गांवों को गंडक नदी के बाढ़ से बचाता है। पिछले बार पानी ओवर फ्लो करने के बाद यह उम्मीद बंधी की थी कि इस रिंग बांध की बदहाल दशा को ठीक कराया जाएगा। लेकिन इसके उल्ट इस रिंग बांध की दशा और जर्जर हो गयी है। ग्रामीण दरोगा साह, उमेश यादव, सुरेश यादव, चंद्रमा यादव आदि बताते हैं कि जलस्तर बढ़ने के साथ ही गंडक नदी कटाव करते हुए रिंग बांध के पांच सौ मीटर दूर बह रही है। अगर गंडक नदी का पानी रिंग बांध तक पहुंच गया तो रिंग बांध इस बार पानी के दबाव को शायद ही झेल सके। वे बताते हैं कि गंडक नदी के बढ़ते जलस्तर और रिंग बांध की जर्जर दशा को देखते हुए इस इलाके के ग्रामीण अभी से दहशत में आ गए हैं।


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