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जर्जर बेड, चादरें गायब, यह है सदर अस्पताल

By Edited By: Published: Sat, 20 Sep 2014 08:32 AM (IST)Updated: Sat, 20 Sep 2014 08:32 AM (IST)
जर्जर बेड, चादरें गायब, यह है सदर अस्पताल

जागरण संवाददाता, गोपालगंज

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: कहने का तो इसे जिला स्तरीय अस्पताल का दर्जा मिला है। लेकिन यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था बिल्कुल ही लचर है। इमरजेंसी अस्पताल में मौजूद बेडों की दुर्दशा ही स्वास्थ्य विभाग की सुविधाओं का पोल खोल रही है। रोगियों के लिए लगाए गये बेड इस कदर जर्जर हालत में है कि मरीज अब बेड पर लेट कर इलाज कराने से कतरा रहे है। बेड से रंगीन चादरें भी नदारद है। साफ-सफाई के बारे में पूछिये मत। व्यवस्था में गड़बड़ी का आलम यह है कि आने वाले मरीजों को इमरजेंसी वार्ड में इलाज के लिए फर्श पर लेटने को विवश होना पड़ता है। इमरजेंसी वार्ड में गड़बड़ी गेट से लेकर शौचालय तक में हावी है। गंदगी का आलम यह है कि यहां आने वाले रुमाल रखने को विवश हो जाते हैं।

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गंदगी के बीच इलाज

गोपालगंज : सदर अस्पताल के अमूमन हर वार्ड की स्थिति एक जैसी है। इमरजेंसी वार्ड हो या प्रसव कक्ष, गंदगी के बीच मरीजों का इलाज चल रहा है। साफ-सफाई की व्यवस्था दुरुस्त नहीं होने के कारण यहां भर्ती मरीजों मुश्किलें बढ़ गई है। चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी भी गंदगी के कारण मुश्किल में है।

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ेरंगीन चादरें बेड से गायब

गोपालगंज : सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड हो या महिला प्रसव कक्ष, यहां बेड से हमेशा चादरें गायब ही रहती है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रतिदिन रंगीन चादरें बेडों पर लगाने के लिए सूची लगायी गयी है। जिसमें सप्ताह के प्रत्येक दिन अलग अलग रंगों की चादरें बेडों पर लगाने का निर्देश दिया गया है। लेकिन हकीकत में यहां कुछ और है। पूछने पर स्वास्थ्य कर्मी बताते है कि मरीज अस्पताल की चादर को अपने घर चुरा ले जाते है। जिसके कारण चादरें नहीं बिछाई जाती है।

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इमरजेंसी वार्ड से कई बेड गायब

गोपालगंज : सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड से पांच बेड गायब है। आंकड़ों के मुताबिक इमरजेंसी भवन के चार वार्ड में कुल 24 बेड लगाए गये है। इनमें से कई बेड गायब हो गये हैं तथा कुछ बेड जर्जर व क्षतिग्रस्त हालत में है। ऐसी हालत में मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण फर्श पर इलाज करना पड़ता है। जिससे रोगियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

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क्या कहते है अधिकारी

बेड की व्यवस्था के लिए स्वास्थ्य समिति को निर्देश दिया जा चुका है। रंगीन चादर बेड पर नहीं लगाने पर कार्रवाई की जाएगी।

डा. विभेष कुमार

सिविल सर्जन


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