बारिश ने बढ़ाया बाढ़ पीड़ितों का दर्द
जागरण संवाददाता,गोपालगंज : गंडक नदी के बाढ़ से तबाह बाढ़ पीड़ितों का दर्द बारिश ने और बढ़ा दिया है। घरों में पानी घुसने के बाद छत व बांध पर शरण लिये लोगों की मुसीबतें बढ़ गई है। खुले आसमान के नीचे शरण लिये कई बाढ़ पीड़ित को एक अदद पालीथिन भी नसीब नहीं हो सका है। जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध करायी जा रही राहत सामग्री अधिकांश पीड़ितों तक नहीं पहुंच रही है।
सिधवलिया प्रखंड के आधा दर्जन गांव गंडक की बाढ़ में फंसे हुए हैं। केवल डुमरिया गांव के करीब ढाई सौ से अधिक घरों में पानी प्रवेश चुका है। इस गांव में तीन दर्जन से अधिक झोपड़ियां नदी में विलीन हो चुकी है। बाढ़ के कारण कई गांवों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से टूट चुका है। सरकारी स्तर पर नाव के इंतजाम जरूर किये गए हैं। लेकिन बाढ़ पीड़ित अभी भी सरकारी मदद मिलने की राह देख रहे हैं।
सिधवलिया के रामचंद्रपुर छरकी टूटने के बाद डुमरिया, टंडसपुर, वृतिया टोला,शीतलपुर, रामचंद्रपुर, अमरपुरा सहित कई गांव पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। हालांकि इस बीच गंडक नदी का जलस्तर घटने से नदी के पानी का दबाव कुछ कम हो गया है। लेकिन इस बीच शुरू हुई बारिश ने बाढ़ पीड़ितों की पीड़ा और बढ़ा दी है। बाढ़ में फंसे गांव के ग्रामीण अपने-अपने घर की छतों पर शरण लिए है। वहीं कई परिवार ने तटबंधों पर अपना डेरा बनाए हुए हैं। डुमरिया बांध पर शरण लेने वाले ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें अभी तक पालीथीन तक नहीं मिला है। ऐसे में बाढ़ पीड़ित बारिश के बीच खुले आसमान के नीचे रहने को विवश हैं। कुछ ऐसी ही स्थिति बाढ़ से प्रभावित सदर प्रखंड के जादोपुर तथा कुचायकोट प्रखंड के दुर्ग मटिहनिया सहित कई गांवों के ग्रामीण झेल रहे हैं। अभी तक राहत सामग्री नहीं मिलने से बाढ़ से तबाह ग्रामीणों की स्थिति और दयनीय बनती जा रही है।