नदी में उफान से कटा कई गांवों का संपर्क
जागरण संवाददाता, गोपालगंज : गंडक नदी के बाढ़ में फंसे 34 गांवों के लोगों की दशा बिगड़ती जा रही है। नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद दियारा के निचले इलाके में बसे इन गांवों का सड़क संपर्क कट जाने से महिलाएं और बुजुर्ग अपने घरों में कैद हो कर रह गए हैं। ग्रामीण बाढ़ के पानी से होकर अपने घरों से सामान सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने लगे हैं। गांवों का सड़क संपर्क कट जाने से ग्रामीणों की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है। इस बीच सरकारी मदद नहीं मिलने से ग्रामीणों के साथ ही उनके मवेशियों पर भी आफत आ गई है। खुद दाना-दाना के लिए परेशान बाढ़ पीड़ित अपनी धान की फसल को काट कर मवेशियों को खिला रहे हैं।
बाल्मिकी बेराज से पानी छोड़ने से जिले में गंडक नदी उफान पर आ गई है। सदर प्रखंड के बढईपट्टी, नवादा, सेमरिया, मेहदियां, कटघरवां, खाप मकसूदपुर सहित दस गांव पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में आ गया है। कुछ ऐसी ही स्थिति बैकुंठपुर के खोम्हारपुर, सलेमपुर तथा कुचायकोट प्रखंड के मटिहनिया पंचायत के 12 गांवों में भी देखी जा रही है। गांव में बाढ़ का पानी घुसने से अधिकांश ग्रामीण गांव छोड़ कर तटबंधों पर शरण लिए हुए हैं। इस बीच संपर्क पथ भी कट जाने से ग्रामीणों की सांसत और बढ़ गई है। ग्रामीण तटबंध और सड़क किनारे शरण लेकर अपना बसेरा बचाने के लिए अपने घरों से बाढ़ के पानी से होकर ही सामान ढ़ो-ढ़ो कर ला रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई मदद नहीं मिली है। जिससे बाढ़ में घिरे होने से ग्रामीणों के साथ ही मवेशियों पर भी संकट आ गया है। ऐसे में दाना-दाना के लिए परेशान ग्रामीण धान की फसल काट कर मवेशियों को खिला रहे हैं।
सड़क पर तीन फीट तक पानी
गोपालगंज : कुचायकोट प्रखंड के दुर्ग मटिहनिया व काला मटिहनिया पंचायतों को जोड़ने वाले दो प्रमुख मार्गो पर तीन फीट तक पानी बहने के कारण इन गांवों तक पहुंचने के लिए कोई भी संपर्क मार्ग नहीं बचा है। इन दोनों पंचायतों के 12 गांव चारों ओर से पानी से घिर गये हैं। प्रशासनिक स्तर पर पानी से घिरे ग्रामीणों को दूसरे दिन भी कोई सहायता उपलब्ध नहीं करायी जा सकी है।