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निजी सुरक्षा गार्ड के हस्ताक्षर से हो रही वाहनों की इंट्री

गया। कंपोजिट चेकपोस्ट पर कार्य करने वाले कर्मचारियों की कार्यशैली में बदलाव देखने को मि

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Mar 2017 03:08 AM (IST)Updated: Tue, 28 Mar 2017 03:08 AM (IST)
निजी सुरक्षा गार्ड के हस्ताक्षर से हो रही वाहनों की इंट्री

गया। कंपोजिट चेकपोस्ट पर कार्य करने वाले कर्मचारियों की कार्यशैली में बदलाव देखने को मिला। सोमवार को चेकपोस्ट से गुजरने वाले सभी तरह के मालवाहक वाहनों के सेल टैक्स के पेपर बहती पर चेकपोस्ट के डिवाइडर पर तैनात सुरक्षा गार्ड द्वारा किया जा रहा था। इनके हस्ताक्षर के बाद ही क्यॉस्क में मुहर लगाया जा रहा था। मालवाहक वाहनों के चालक अपनी बहती लेकर डिवाइडर पर खडे़ सुरक्षा गार्ड के पास लेकर आ रहे थे। उस पर गार्ड अपना नाम लिखकर देने लगा है। इसके बाद क्यॉस्क में बैठा कम्प्यूटर ऑपरेटर द्वारा इंट्री की जा रही है। यहां देखने को मिला कि सुरक्षा गार्ड के बगैर हस्ताक्षर के किसी चालक का कागज इंट्री नही हो रहा है। इस नई व्यवस्था के शुरू होने से चालक स्वयं को असहज महसूस कर रहे हैं। कहते सुने गए कि चेकपोस्ट पर एक और नई परेशानी उत्पन्न हो गई है। ऐसे में स्वाभाविक है कि सुरक्षा में तैनात गार्ड अपने मूल कर्तव्य से विमुख होकर हस्ताक्षर करने में लग गए हैं। डिवाइडर के पास चालकों की भीड़ लगने लगी है। इन नई कार्य प्रणाली चालकों की परेशानी बढ़ गई है।

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चेक पोस्ट पर तैनात सुरक्षा गार्ड कहते हैं कि सीटीओ द्वारा उनसे यह अतिरिक्त कार्य लिया जा रहा है। कहते हैं कि निजी सुरक्षा एजेंसी के कर्मचारियों से इस तरह का सरकारी कार्य लिया जाना कहां तक उचित है। बता दें कि कंपोजिट चेक पोस्ट पर सेल टैक्स विभाग के माध्यम से निजी सुरक्षा एजेंसी के सुरक्षा गार्ड यहां चार साल से कार्य कर रहे हैं। उनका काम वाहनों को रोकने और मुहर लगवाने में मदद करना है। न कि किसी तरह के सरकारी कागजात पर हस्ताक्षर करना। सुरक्षा में लगे गार्ड में इस बात का भय है कि कल होकर यदि इंट्री के नाम पर किसी तरह की अनियमितता की बात सामने आती है। तो कम वेतन भोगी गार्ड को नाहक ही परेशानियों से गुजरना होगा। इस बावत पूछे जाने पर चेक पोस्ट पर प्रतिनियुक्त पुलिस उप-निरीक्षक विनोद कुमार सिंह कहते हैं कि उनका काम चेकपोस्ट पर विधि-व्यवस्था को बनाए रखना है। सीटीओ किससे कौन काम ले रहे हैं। उससे कोई लेना देना नहीं। चेकपोस्ट पर विधि व्यवस्था से संबंधित समस्या उत्पन्न होने पर अपने स्तर से समाधान करने का प्रयास करना उनका कर्तव्य है। विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए चेकपोस्ट पर जिला पुलिस बल और सैप के जवान को परिवहन विभाग की मदद के लिए रखा गया है।


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