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ट्रांसपोर्टरों के हड़ताल का नहीं दिखा असर

गया। केंद्र सरकार से पथ, परिवहन एवं सुरक्षा विधेयक 2016 को वासप लेने की मांग को लेकर सोमव

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Mar 2017 03:08 AM (IST)Updated: Tue, 28 Mar 2017 03:08 AM (IST)
ट्रांसपोर्टरों के हड़ताल का नहीं दिखा असर
ट्रांसपोर्टरों के हड़ताल का नहीं दिखा असर

गया। केंद्र सरकार से पथ, परिवहन एवं सुरक्षा विधेयक 2016 को वासप लेने की मांग को लेकर सोमवार को राज्य के ट्रांसपोर्टरों ने हड़ताल का आह्वान किया गया था। लेकिन ट्रांसपोर्टरों के हड़ताल का तनिक भी असर गया शहर में दिखाई नहीं पड़ा। शहर में आम दिनों की तरह यात्री वाहनों का परिचालन सामान्य रूप से देखा गया। हड़ताल का असर शहर के बस पड़ावों पर नहीं था। सिकड़िया मोड़, मानपुर, पंचायती अखाड़ा आदि बस पड़ाव पर आम दिनों की तरह लंबी दूरी की बसें रांची, हजारीबाग, औरंगाबाद, सासाराम, इमामगंज, चतरा आदि जगहों के लिए चल रही थी। वही शहर में ऑटो के परिचालन पर भी हड़ताल का कोई असर दिखाई नहीं पड़ा।

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बस पड़ाव पर हड़ताल का असर नहीं

शहर के गांधी मैदान स्थित बिहार राज्य पथ परिवहन निगम के बस पड़ाव से सुबह से ही लंबी दूरी की यात्री बसें चल रही थी। सरकारी बस पड़ाव में कार्यरत अधिकारी मनोज कुमार चौरसिया ने बताया कि बस पड़ाव से लंबी दूरी रांची, हजारीबाग, रामगढ़, औरंगाबाद आदि शहरों के लिए बसें चल रही है। वही कम दूरी टिकारी, गोह, देव, हसपुरा आदि जगहों के लिए बसें आम दिनों की तरह ही चल रही हैं। ट्रांसपोर्टर हड़ताल से किसी तरह की परेशानी यात्रियों को नहीं हो रही है।

यात्रियों की कम देखी गई भीड़

ट्रांसपोर्टर हड़ताल को लेकर शहर के कई बस पड़ावों पर आम दिनों की अपेक्षा कम भीड़ देखी गई। यात्री बस परिचालक ने कहा कि हड़ताल को लेकर यात्रियों की कम भीड़ है। क्योंकि सुबह में जो भी लोग समाचार पत्र पढ़े वे यात्री घरों से हड़ताल के कारण नहीं निकले। इस कारण से बस पड़ाव पर आम दिनों की अपेक्षा कम भीड़ दिखाई दे रही है।

शहर में चलते रहे ऑटो

ट्रांसपोर्टर के साथ ऑटो यूनियन भी हड़ताल में शामिल रहने का आह्वान किए थे। पर शहर में पूरे दिन ऑटो का परिचालन देखा गया। ऑटो के परिचालन को देखकर ऐसे लग रहा था कि ऑटो चालकों को हड़ताल के बारे किसी तरह की जानकारी नहीं है। शहर की सड़कों पर सुबह से देर शाम तक ऑटो परिचालन सामान्य दिनों की तरह रहा।

कहते है संघीय अधिकारी

विलंब से मिली सूचना के अनुसार बंद का असर शहर में काफी कम देखा जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में बंद का पूरा असर है। ट्रांसपोर्टर हड़ताल एक अप्रैल को होना था। पर किसी कारणवश सोमवार को हड़ताल करना पड़ा।

रविशंकर सिंह उर्फ मुन्ना सिंह, उपाध्यक्ष

बिहार मोटर ट्रांसपोर्ट फाउंडेशन।


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