कार्यकारी कुलपतियों के कार्यो की होगी जांच
गया। मगध विश्वविद्यालय में अप्रैल 2014 से फरवरी 2014 तक कार्यरत रहे कार्यकारी कुलपतियों के काय
गया। मगध विश्वविद्यालय में अप्रैल 2014 से फरवरी 2014 तक कार्यरत रहे कार्यकारी कुलपतियों के कार्यो की जांच होगी। इसके लिए राजभवन स्तर से तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी गठन से पूर्व राजभवन ने विवि के कुलसचिव को पत्र प्रेषित कर यह पूछा था कि उक्त अवधि में तैनात रहे कार्यकारी कुलपतियों ने रूटीन कार्य को छोड़कर नियुक्ति, विकास संबंधी कार्य का निर्णय सहित अन्य कौन-कौन सा नीति निर्धारित कार्य किए हैं। उसका ब्योरा उपलब्ध कराया जाए। मविवि सूत्र बताते हैं कि राजभवन द्वारा मांगा गया ब्योरा तैयार है। जिसे सोमवार को भेज दिया जाएगा। यहां यह बता दें कि उपरोक्त अवधि में मविवि में डा. सीपी सिंह, प्रमंडलीय आयुक्त आरके खंडेलवाल और प्रो. नंदजी कुमार बतौर कार्यकारी कुलपति रहे थे।
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समस्या निदान हेतु खुला सेल
मगध विश्वविद्यालय में स्नातक तृतीय खंड की प्रकाशित परीक्षा परिणाम में व्याप्त त्रुटि का निवारण हेतु सेल खोला गया है। यह सेल परीक्षा विभाग में सहायक कुलसचिव (परीक्षा) के कार्यालय में खोला गया है। जहां छात्र अंकपत्र में व्याप्त त्रुटि निवारण हेतु आवेदन कालेज के प्राचार्य से सत्यापित कराकर जमा कर सकते हैं। विवि परीक्षा नियंत्रक डा. इसराइल खां ने बताया कि यहां एक माह तक आवेदन जमा किया जा सकता है। साथ ही छात्र अगर आन लाइन आवेदन करना चाहे तो कर सकते हैं।
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दैनिक वेतनभोगी से मिले कुलसचिव
मविवि के कुलसचिव डा. सीताराम सिंह शनिवार को विवि में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों से मिले। इसके लिए डा. सिंह ने 22 जून को पत्र प्रेषित किया था। उन्होंने कहा कि इसका मकसद सारे दैनिक वेतनभोगी कर्मियों से रूबरू होना और कौन कहां कार्यरत है। इसकी जानकारी लेना था। उन्होंने कहा कि विवि में लगभग 47 दैनिक वेतनभोगी कर्मी पूर्व से कार्यरत हैं।
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