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अंत: सलिला का जल सोख रहे बालू माफिया

गया। अंत: सलिला शब्द धार्मिक पुस्तकों में फल्गु नदी को बताया गया है। यह सही भी है। यानि फल्

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Mar 2017 06:58 PM (IST)Updated: Tue, 21 Mar 2017 06:58 PM (IST)
अंत: सलिला का जल सोख रहे बालू माफिया

गया। अंत: सलिला शब्द धार्मिक पुस्तकों में फल्गु नदी को बताया गया है। यह सही भी है। यानि फल्गु नदी की बालू को अंजुलि से हटाने बाद पानी मिल जाता है। ये बातें अब किंवदंती होने जा रही है। चूकि राज्य सरकार और जिला प्रशासन के द्वारा बालू बेचने का काम लगातार जारी है। जबकि इस पर प्रतिबंध लगाने के लिए कई बार जन संगठनों ने सरकार से मांग की है। बिहार प्रदूषण बोर्ड ने भी अपनी रिपोर्ट में फल्गु की दुर्दशा के लिए उसके पेटे से बालू की निकासी को महत्वपूर्ण माना है।

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गयाजी की प्रसिद्धि विष्णुपद सहित 54 पिंडवेदियों पर पिंडदान के पूर्व फल्गु में पितरों को जलांजलि देने से जुड़ा है। लेकिन जल विहीन हो चुकी फल्गु में जलांजलि के भी जल को ढूंढ़ना पड़ता है। ऐसी बात नहीं है कि बरसात के दिनों में जब नदी उफनती है तो कुछ दिनों तक के लिए इसमें जल जमाव बना रहता है। कुछ महीने बाद फल्गु सूख जाती है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण फल्गु से बालू का उठाव है।

गया जिला की सीमा क्षेत्र बोधगया से लेकर बीथो शरीफ और खिजरसराय तक फल्गु तट फैला है। इन क्षेत्रों में बेधड़क बालू माफिया का राज्य फल्गु पर चलता है। यह कहना गलत नहीं होगी कि जहां 'राज' है, वहां खाकी वर्दी का 'साज' होता है। और फिर बालू के अवैध उठाव को कहीं न कहीं से वैधता मिल जाती है। चुकि फल्गु नदी की बालू को सिर्फ गया में मकान बनाने के लिए नहीं बल्कि बाहर भी भेजा जाता है। यहां का बालू निर्माण के लिए उपयोगी बताया गया है।

खनन विभाग ने टेंडर कर जिले की सीमा क्षेत्र के 12 स्थानों पर बालू उठाव का आदेश दे रखा है। जबकि कितने स्थानों से फल्गु के पेटे से बालू निकाली जा रही है। इसकी गिनती कर पाना मुश्किल है। फल्गु नदी में सुबह से देर रात तक बालू उठाव का कार्य ट्रैक्टर व जेसीबी मशीन से किया जाता है।

निम्न स्थानों पर मिला है आदेश

खनन विभाग के अनुसार फल्गु नदी के अमवां तट, खिरियांवा, केन्दुई, परेवा, भदेजा, भुसंडा, रामशिला, बीथो शरीफ, शादीपुर, तिनेरी, दलेलचक और तेलबिगहा के तट से बालू का उठाव का आदेश दिया गया है।

बोले खनन पदाधिकारी

गया जिले में प्रवाहित होने वाली फल्गु नदी से बालू के उठाव का एक दर्जन स्थानों पर ठेका दिया गया है। इसके अतिरिक्त अगर किसी स्थान से बालू का उठाव होता है। तो अवैध है। अवैध रूप से बालू उठाव करने वालों पर प्रशासन की नजर है। और उन पर कार्रवाई भी की जाती है।

सुरेन्द्र प्रसाद सिन्हा, जिला खनन पदाधिकारी, गया।


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