करवा चौथः पत्नी के लिए चीर दिया था पहाड़ का सीना, राज्यपाल ने पहुंचकर दी श्रद्धांजलि
पत्नी की सहूलियत के लिए पहाड़ का सीना चीरकर रास्ता बनाने वाले दशरथ मांझी को बिहार के राज्यपाल ने आज श्रद्धांजलि दी। वे उस सड़क को भी देखने गए जो मांझी ने पहाड़काट कर बनाई।
गया [जागरण टीम ]। पत्नी को उपहार भेंट कर पत्नी को खुश रखने की परंपरा पुराने जमाने से आ रही है। कोई गहने देकर पत्नी को खुश करता है तो कोई महंगे कपड़े और अन्य गिफ्ट आइटम। यह उपहार पति-पत्नी का प्रेम और प्रगाढ़ करता है। लेकिन बिहार के एक निहायत गरीब और अनपढ़ कहे जाने वाले दशरथ मांझी ने पत्नी के लिए एेसा उपहार दिया जिसने उन्हें दुनिया में अमर बना दिया।
गया के पहाड़ी इलाके में रहने वाले दशरथ मांझी की पत्नी रोजाना पहाड़ी के उस पार से पानी और अन्य सामान लेकर आती थी। कमजोर पत्नी को रोजाना पहाड़ पर चढ़ते-उतरते देख दशरथ मांझी ने जब पहाड़ का सीना चीरकर रास्ता बनाने का प्लान बनाया तो लोगों ने उन्हें सिरफिरा कहा लेकिन वर्षों की मेहनत के बाद जब यह रास्ता तैयार हुआ तो पूरी दुनिया में दशरथ मांझी के इस प्लान की चर्चा हुई।
आज न दशरथ मांझी हैं न उनकी पत्नी लेकिन पति-पत्नी के अमर प्रेम की याद पहाड़ काटकर बनाया गया रास्ता बड़ी शिद्दत से दिलाता है। पत्नी के प्रति इस अमूल्य उपहार का जायजा लेने के लिए बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद बुधवार को गया पहुंचे। उन्होंने पहाड़ को चीरकर बनाए रास्ते का अवलोकन किया। उनका काफिला भी इसी रास्ते से गुजरा। पहाड़ के किनारे बने दशरथ मांझी स्मारक पर उन्होंने पुष्पांजलि भी अर्पित की।
राज्यपाल ने इस सड़क को देखकर आश्चर्य व्यक्त किया। इस दौरान उन्हें बताया गया कि सड़क बनाने में अ ठारह साल से ज्यादा लगे। लेकिन दशरथ मांझी ने अकेले पहाड़ काटकर सड़क में तब्दील कर दिया। राज्यपाल ने कहा कि एेसे लोग ही समाज के लिए प्रेरणा होते हैं।
राज्यपाल रामनाथ कोविंद बाद में कोटेश्वर नाथ मंदिर भी गए और वहां पूजा-अर्चना की।