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जिला पार्षद अध्यक्ष करूणा गई जेल

जिला परिषद अध्यक्ष करूणा देवी सोमवार को शेरघाटी व्यवहार न्यायालय के प्रथम श्रेणी न्यायिक।

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 May 2017 08:36 PM (IST)Updated: Mon, 29 May 2017 08:36 PM (IST)
जिला पार्षद अध्यक्ष करूणा गई जेल

गया। जिला परिषद अध्यक्ष करूणा देवी सोमवार को शेरघाटी व्यवहार न्यायालय के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी गोरखनाथ दुबे की अदालत में आत्मसमर्पण कर दी। आत्मसमर्पण के बाद न्यायालय ने जिला परिषद अध्यक्ष करूणा कुमारी द्वारा दी गई जमानत की अर्जी को खारिज करते हुए उन्हें 14 दिनों के न्यायिक हिरासत में शेरघाटी जेल भेज दिया। जिप अध्यक्ष के साथ उनकी तीन माह की दूधमुही बच्ची अनिष्का को भी जेल जाना पड़ा। कारण कि इस अनिष्का को इस उम्र में मां से अलग रखना मुनासिब नहीं समझा गया। करूणा के बचाव पक्ष के अधिवक्ता दल के संजय कुमार सिंह ने बताया कि गया जिला के गुरूआ निर्वाचन क्षेत्र संख्या 25 से विजयी जिला पार्षद करूणा कुमारी पर गलत जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने का आरोप है। जिनके विरूद्ध न्यायालय में मुकदमा चल रहा है। न्यायालय के आदेशानुसार उन्होंने अधिवक्ता के माध्यम से सोमवार को न्यायालय में उपस्थित होकर जमानत की अर्जी लगाई। उनके जमानत याचिका को अस्वीकृत कर दिया गया। 14 दिनों के न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया। उल्लेखनीय हो कि जिप अध्यक्ष करुणा कुमारी के विरुद्ध जिला परिषद सदस्य लक्ष्मी देवी एवं डॉ. उमेश प्रसाद राज्य निर्वाचन आयोग में शिकायत किया है कि करुणा कुमारी के नाम निर्गत जाति प्रमाण पत्र में दागी बताया गया था। जो कि अतिपिछड़ा वर्ग की अनुसूचि के अंतर्गत आता है। जिसे उक्त दोनों ने गलत बताते हुए आयोग से शिकायत की थी। जिलाधिकारी कुमार रवि ने इस संबंध में मिली शिकायत और आयोग के आदेश पर सामान्य प्रशासन विभाग से मार्गदर्शन मांगा। इसके बाद जांच शुरू हुई। जिसके तहत करुणा कुमारी के मायके गया जिले के वजीरगंज के बिच्छा गाव निवासी रामदहीन प्रसाद के घर जाच कराई गई। गांव के लोगों ने करुणा कुमारी और रामदहीन प्रसाद को दागी जाति होने की बात बताया था। परंतु, उपलब्ध राजस्व अभिलेख में करुणा के पिता एवं परिवार की जाति कुशवाहा बताया गया। इस प्रकार मामले में काफी कुछ दृष्टिगोचर होने के बाद मामला पुलिस और न्यायालय मे चल रहा था। पिछले दिनों न्यायालय द्वारा पुलिस ने इसी मामले में जिप अध्यक्ष करुणा कुमारी के खिलाफ कुर्की वारंट भी जारी करा लिया। फलस्वरूप करुणा कुमारी को आत्मसमर्पण करना पड़ा। इसे पूरे प्रकरण में सबसे दुखद पहलू उनकी दूधमुही बच्ची अनिष्का है। जिसकी उम्र महज तीन माह है। चर्चा है कि न्यायालय में हर कोई करुणा के इस करुण व्यथा को देख कर द्रवित था। सिर्फ एक सवाल- इस छोटी सी बच्ची का क्या कसूर।

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