'भारत के साथ जबरन सीमा विवाद कर रहा चीन'
तिब्बत की आजादी भारत के हित में है। लोगों को बताया जा रहा है, ताकि पंचायत से लेकर राज्य और राष्ट्र स्तर तक इस बात को पहुंचाया जा सके और लोग चीन निर्मित सामग्री का बहिष्कार करें।
गया [जेएनएन]। चीन भारत के साथ जबरन सीमा विवाद कर रहा है, जबकि उसकी सीमा भारत से लगती ही नहीं है। भारत से लगने वाली सीमा तिब्बती क्षेत्र है, जिसमें चीन जबरन दखलंदाजी कर रहा है। भारत का तिब्बत के साथ सदियों से संबंध बरकरार है। तिब्बती युवा कांग्रेस के संस्कृति सचिव टासी तोन्दुक व वित्त सचिव डिक्की लामो ने शुक्रवार को ये बातें प्रेस वार्ता में कहीं।
उन्होंने कहा कि चीन के तिब्बती सीमा पर दावा करने के कारण हिमालयन क्षेत्र अशांत है। इससे मुक्ति तिब्बत की आजादी से ही संभव है। हाल के दिनों में त्वांग व डोकलाम विवाद उसका उदाहरण है। तिब्बती रिफ्यूजी मार्केट परिसर में आयोजित प्रेस वार्ता में संगठन के संस्कृति सचिव तोन्दुक ने कहा कि इन दिनों युवा कांग्रेस द्वारा भारत जागरण यात्रा संचालित है।
छह सदस्यों ने चेन्नई, सालागुड़ा और धर्मशाला से एक साथ गत 10 दिसंबर को यात्रा शुरू की है। इसका उद्देश्य भारत में पंचायत स्तर तक के ग्रामीणों का ध्यान तिब्बत समस्या पर ध्यान आकृष्ट कराकर नैतिक समर्थन जुटाना है। इसी कड़ी में हस्ताक्षर अभियान भी संचालित है।
उन्होंने कहा कि तिब्बत की आजादी भारत के हित में है। इसे भी लोगों को बताया जा रहा है, ताकि पंचायत से लेकर राज्य और राष्ट्र स्तर तक इस बात को पहुंचाया जा सके और लोग चीन निर्मित सामग्री का बहिष्कार करें।
उन्होंने कहा कि आगामी मार्च माह में संसद सत्र के दौरान हस्ताक्षर पत्र सांसदों को सौंपा जाएगा। उन्होंने कहा कि तिब्बत की आजादी में विलंब होने से भारत-चीन के बीच सीमा विवाद बढ़ता जा रहा है।