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शौचलय रहते खुले में जाने को मजबूर हैं स्कूली बच्चे

गया। स्वच्छता अभियान को आईना दिखा रहा परैया प्रखंड का राजकीय मध्य विद्यालय। इसी विद्यालय के कैंपस म

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Aug 2017 01:00 AM (IST)Updated: Tue, 22 Aug 2017 01:00 AM (IST)
शौचलय रहते खुले में जाने को मजबूर हैं स्कूली बच्चे

गया। स्वच्छता अभियान को आईना दिखा रहा परैया प्रखंड का राजकीय मध्य विद्यालय। इसी विद्यालय के कैंपस में शिक्षा विभाग का कार्यालय भी चलता है, लेकिन अधिकारी शौचालय की दुर्दशा की ओर ध्यान ही नहीं दे रहे हैं। एक तरफ सरकार स्वच्छता को लेकर प्रतिदिन अभियान चला रही है तो इस विद्यालय में शौचालय की गंदगी से छात्राएं इसका उपयोग करने से कतरा रही हैं। एक शौचालय तो हमेशा ताला ही बंद रहता है। जब जानकारी ली गई तो प्रधानाधयापक नरेश प्रसाद सिंह ने बताया कि हमारे विद्यालय में शौचालय की कमी है। यहां छात्र-छात्राओं की संख्या सात सौ है। बच्चों की संख्या के अनुसार दस शौचालय जरूरी है, लेकिन इस विद्यालय में मात्र तीन शौचालय ही है। इसमें भी किसी का दरवाजा टूटा हुआ है तो किसी में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। विधालय की छात्रा पूजा कुमारी, कंचन कुमारी, रिंकी, पिंकी, आदि ने ने बताया कि हमारे स्कूल में शौचालय का अभाव है। इस कारण स्कूल से बाहर जाना पड़ता है। बच्चों ने यह भी बताया कि हमारे स्कूल के कैंपस में ही शिक्षा विभाग का कार्यालय है। फिर भी अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। प्रधानाधयापक ने बताया कि हम शौचालय के लिए लिखित आवेदन वरीय अधिकारियों को दिए हैं, लेकिन नए का निर्माण तो दूर, पुराने शौचालय की मरम्मत व साफ-सफाई तक नहीं कराई गई है। इस कारण यहां के विद्यार्थी खुले में जाने को मजबूर हैं।


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