जितनी बार हटाना पडे़ अतिक्रमण हटाएं
गया। बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत प्रथम अपीलीय के रूप में प्रमंडलीय आयुक्त जितें
गया। बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत प्रथम अपीलीय के रूप में प्रमंडलीय आयुक्त जितेंद्र श्रीवास्तव ने शुक्रवार को 47 मामलों की सुनवाई की। इनमें से 21 मामलों का निष्पादन किया गया।
महेश शर्मा की अपीलीय सुनवाई स्वास्थ्य विभाग से संबंधित थी, अपीलार्थी ने बेलागंज में अवैध नर्सिग होम संचालन, कतिपय आशा एवं स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा दलाली किए जाने आदि के संबंध में कार्रवाई नहीं होने की बात कही। आयुक्त ने परिवादी से विशिष्ट उदाहरण देने को कहा, ताकि स्पष्ट कार्रवाई की जा सके। 16 स्वास्थ्य प्रशिक्षकों की नियुक्ति अवैध घोषित किए जाने के बाद भी सिविल सर्जन द्वारा द्वारा उन्हें एसीपी का लाभ देने की शिकायत की गई। आयुक्त ने सिविल सर्जन से पूछा कि जिन व्यक्तियों की नियुक्ति अवैध ठहराई गई, उन्हें एसीपी किस प्रकार दिया गया। अवैध नर्सिग संचालन, दलाली के संबंध में विशिष्ट उदाहरण सिविल सर्जन को देने का निर्देश अपीलार्थी को दिया गया, ताकि कार्रवाई की जा सके। जहानाबाद के लालबाबू प्रसाद के एक मामले में उप विकास आयुक्त, जहानाबाद ने आयुक्त को बताया कि पीएचईडी के अंतर्गत सात सौर मिनी जलापूर्ति योजना में से एक अपीलार्थी के लिए स्वीकृत किया गया था। भूमि उपलब्ध नहीं होने के कारण योजना को अस्वीकृत किया गया। आयुक्त ने कहा कि अपीलार्थी की समस्या का हल किसी न किसी को ढूंढ़ना है। जहानाबाद के जिलाधिकारी को निर्देश दिया गया कि वे अपने स्तर से मामले की समीक्षा कर निर्णय लेते हुए अपीलार्थी की समस्या का निराकरण करेंगे। औरंगाबाद की नीलू देवी की अपील में कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि आदेश के आलोक में परिवादी का अतिक्रमण थानाध्यक्ष के सहयोग से हटाया गया था, लेकिन पुन: उस स्थान पर अतिक्रमण हो गया है। आयुक्त ने आदेश दिया कि जितनी बार अतिक्रमण हटाना पड़े, हटाएं। यदि अतिक्रमणकारियों द्वारा पुन: अतिक्रमण किया जाता है, तो कानूनी कार्रवाई करते हुए कार्यपालक पदाधिकारी प्राथमिकी दर्ज कराना सुनिश्चित करें। आदेश में कहा कि कार्यपालक पदाधिकारी जिला प्रशासन एवं थानाध्यक्ष पर अपनी जिम्मेवारी नहीं छोड़ सकते। अतिक्रमण हटाना उनका काम है। 24 घंटे में अतिक्रमण हटाते हुए ठोस व्यवस्था सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि पुन: अतिक्रमण नहीं हो।