एसपीओ के शव के साथ ग्रामीणों ने किया सड़क जाम
गया। परैया थाना के एसपीओ अरविंद कुमार की हत्या के विरोध में ग्रामीण और मृतक के परिजन मंगलवार की स
गया। परैया थाना के एसपीओ अरविंद कुमार की हत्या के विरोध में ग्रामीण और मृतक के परिजन मंगलवार की सुबह एसपीओ के शव के साथ गया-गुरारू-रफीगंज मुख्य सड़क को जाम कर दिया गया। मृतक के परिजन को नौकरी, मुआवजा व उनके आश्रितों को जीवनयापन हेतु विशेष भत्ता देने की मांग लोग कर रहे थे। जाम स्थल पर पहुंचे बीडीओ अजय प्रकाश राय ने पारिवारिक लाभ योजना के तहत 20 हजार रुपये परिजन को सौंपे। खुर्द के मुखिया सुनील कुमार ने दाह संस्कार के लिए तीन हजार रुपये दिया। सरकारी प्रावधान के तहत तत्काल दी गई राशि के बावजूद ग्रामीण जाम हटाने व पोस्टमार्टम हेतु शव को पुलिस को सौंपने को तैयार नहीं हुए। जाम स्थल पहुंचे वजीरगंज कैंप डीएसपी अभिजीत कुमार सिंह ने हत्याकांड के शिकार हुए एसपीओ के परिजन को जिला आपदा राहत कोष मद से सहयोग व मृतक की पत्नी को दिवंगत पति के बराबर नियमित मानदेय भुगतान के आश्वासन दिया। तब जाम हटा। बाद शव को पोस्टमार्टम हेतु जाने दिया।
मालूम हो कि सोमवार की देर रात अज्ञात अपराधियों ने गोली मारकर कर एसपीओ की हत्या कर दी थी। घटना के वक्त मृतक के पिता रामकृत यादव साथ में थे। श्री यादव के कहे अनुसार वे और उनका एसपीओ पुत्र अरविंद रात में खेत मे पटवन कर रहे थे। उसी समय आधा दर्जन की संख्या में रहे हथियार से लैश अज्ञात अपराधी आए। नजदीक से अरविन्द पर गोली चलाने लगा। अपराधियों द्वारा चलाई गई पहली गोली को अरविंद हाथ से रोकना चाहा। जो हथेली में लगी। इसके बाद अपराधियों ने अरविंद पर गोलियों की बौछार कर दिया। दो गोली दाहिने कनपटी के पास व एक गोली अरविंद के दाहिने कंधे में लगी। जिससे घटनास्थल पर ही बेटे ने दम तोड़ दिया। घटना की सूचना के बाद घटनास्थल पहुंचे पुलिस पदाधिकारियों ने शव को रात में ही उठाने का प्रयास किया। उस समय भी ग्रामीणों के विरोध के कारण शव को पुलिस नहीं बरामद कर सके। बता दें की एसपीओ अरविंद कुमार वृद्ध माता-पिता के इकलौता संतान थे। हत्याकांड का शिकार अरविंद कुमार 2011 के अप्रैल से परैया थाने में एसपीओ का काम कर रहा था। उसकी पत्नी व चार बच्चे भी हैं। जिसमें दो पुत्र व दो पुत्री है। मृतक के बड़े पुत्र को इसी वर्ष मैट्रिक की परीक्षा में शामिल होना है।