311 करोड़ का वाटर प्रोजेक्ट शहरवासियों को दिलाएगा स्वच्छ पेयजल
गया। शहर और मानपुर को दूषित पेयजल से निजात दिलाने को लेकर जल्द वाटर प्रोजेक्ट बनाया जाएगा। यह पर
गया। शहर और मानपुर को दूषित पेयजल से निजात दिलाने को लेकर जल्द वाटर प्रोजेक्ट बनाया जाएगा। यह परियोजना एशियन डेवलपमेंट बैंक के सहयोग से तैयार की जा रही। इसमें दो चरणों में कार्य होने हैं। वाटर प्रोजेक्ट के निदेशक विजय शर्मा ने बताया कि शहर में पेयजल की समस्या को देखते हुए वाटर प्रोजेक्ट बनाया जा रहा है। जल परियोजना का क्रियान्यवन दो चरण में किया जाना प्रस्तावित है। प्रथम चरण में शहर में 446 किलोमीटर लंबी नया भूमिगत पाइप बिछाया जाना है। साथ ही 29 ट्यबवेल का जीर्णोद्धार, नौ नए जलाशयों का निर्माण समेत आठ पुराने जलाशयों का जीर्णोद्धार भी किया जाना है। उन्होंने कहा कि प्रथम फेज का काम 42 महीने तक चलेगा। इसे 31 जनवरी 2021 तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके रखरखाव और मरम्मत का कार्य एक अक्टूबर 2017 से शुरू होकर 30 जून 2021 तक चलेगा। निदेशक ने बताया कि जल परियोजना के दूसरे चरण में शहर में 24 नए नलकूप लगाए जाएंगे। साथ ही 16 किलोमीटर लंबी नई पाइप लाइन बिछाई जाएगी तथा दो नए जलाशयों का निर्माण भी कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि दोनों चरणों का कार्य साथ-साथ चलेगा। दूसरे चरण का कार्य इसी वर्ष शुरू होकर 30 जून 2018 तक चलेगा। इस चरण के कार्य का रखरखाव और मरम्मत का कार्य 30 जून 2021 तक चलेगा। उन्होंने कहा कि वाटर प्रोजेक्ट के पहले फेज में 311.30 करोड़ रुपए का काम होना है। इसके लिए डीपीआर तैयार कर लिया गया है, जिसकी निविदा 30 जनवरी को निकाली जाएगी। उक्त योजना मानपुर में भी चलेगी। निदेशक ने कहा कि कंडी और मानपुर प्रखंड के गंगटी गांव के पास सीवरेज बनाने का काम किया जाना है। इससे पहले भागलपुर में काम चल रहा था। कार्य समाप्त होने के बाद भागलपुर में पेयजल के संकट से लोगों को निजात मिल गई है। भागलपुर के बाद गया शहर में 2021 तक पेयजल संकट को दूर करने का प्रयास किया जाएगा।
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क्या है योजना का उद्देश्य-
वाटर प्रोजेक्ट के तहत शहर के प्रत्येक व्यक्ति को 24 घंटे, सातों दिन प्रतिदिन 135 लीटर पानी उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए सभी ग्राहकों को मीटर का कनेक्शन दिया जाएगा। इससे लोगों को उपभोग किए जल का निर्धारित शुल्क अदा करना पड़ेगा। जिससे शहर में पानी की बर्बादी पूरी तरह से रोकी जा सके। फिलवक्त नगर निगम शहरवासियों को 27 एमएलडी पानी उपलब्ध करा रहा है। इस योजना के तहत इसे बढ़ाकर 132 एमएलडी किया जाना है।
किस वर्ष कितनी खर्च होगी राशि-
प्रथम चरण के तहत कार्य
2016-17 में 46.70 करोड़
2017-18 में 62.26 करोड़
2018-19 में 77.83 करोड़
2019-20 में 77.83 करोड़
2020-21 में 46.68 करोड़
द्वितीय चरण के तहत कार्य
2016-17 में 16.23 करोड़
2017-18 में 25.96 करोड़
2018-19 में 12.98 करोड़
2019-20 में 06.49 करोड़
2020-21 में 03.25 करोड़