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उम्मीद पर पानी फेर गया पर्यटन मौसम

गया। अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल बोधगया का ख्यात पर्यटन मौसम पर हर तबके के व्यवसायियों की निगाहें टिकी

By Edited By: Published: Wed, 10 Feb 2016 05:29 PM (IST)Updated: Wed, 10 Feb 2016 05:29 PM (IST)

गया। अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल बोधगया का ख्यात पर्यटन मौसम पर हर तबके के व्यवसायियों की निगाहें टिकी होती है। और सभी वर्ग के व्यवसायी अपने-अपने साम‌र्थ्य के अनुसार पर्यटन मौसम की तैयारी करते हैं। और जब महाबोधि मंदिर प्रबंधकारिणी समिति द्वारा मंदिर परिसर में संचालित होने वाले धार्मिक कृत्यों का वार्षिक कैलेंडर जारी किया जाता है। तो व्यवसायी की उम्मीद बढ़ जाती है। लेकिन इस वर्ष जनवरी माह में प्रस्तावित कालचक्र पूजा के स्थगित होने से हर वर्ग के व्यवसायियों को पर्यटन मौसम ठंड में भी गर्मी का एहसास करा गया। व्यवसायियों को गर्मी का एहसास यह साबित कर दिया कि बोधगया के अर्थव्यवस्था की रीढ़ पर्यटक होते हैं।

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ऐसा नहीं कि मंदिर परिसर में धार्मिक कृत्यों का आयोजन नहीं हुआ। चालू पर्यटन मौसम में अभी तक कठिन चीवरदान समारोह और 11 वां त्रिपिटक सूत्त पाठ के अलावे तिब्बती, नेपाली और भूटानी बौद्ध श्रद्धालुओं का 11 छोटा-बड़ा पूजा संचालित हुआ। लेकिन इन सब पूजा में श्रद्धालुओं की भागीदारी कम दिखी। एक पूजा 33 वां वार्षिक इंटरनेशनल काग्यू मोनलम पूजा बचा है। जो 16 से 25 फरवरी तक संचालित होगा। लेकिन इस पूजा का सीधे तौर पर व्यवसायियों को फायदा नहीं होता। क्योंकि यह पूजा सुजाता बाईपास रोड स्थित तेरगर मोनास्ट्री के पवेलियन में होता है। और पवेलियन के इर्दगिर्द पूजा आयोजन समिति द्वारा इसमें शामिल होने वाले अधिकांश विदेशी बौद्ध श्रद्धालुओं के आवासन के लिए अस्थायी काटेज लगवाए जाते हैं। जिसका सीधा असर यहां के व्यवसाय पर दिखता है।

होटल एसोसिएशन के महासचिव संजय सिंह कहते हैं कि कालचक्र पूजा स्थगित होने का असर होटल व्यवसाय पर पूर्णतया देखा गया। बोधगया में जो भी पूजा आयोजित हुआ। उसमें श्रद्धालुओं की सहभागिता कम रही। जिसका असर होटल व्यवसाय पर पड़ा। उन्होंने कहा कि एक पूजा बचा है। लेकिन उससे होटल व्यवसाय को कोई खास फायदा नहीं होता। टूर एंड ट्रेवल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश सिंह की माने तो पर्यटन मौसम निराश कर गया। कालचक्र पूजा स्थगित होने के बाद भी कुछ उम्मीद थी। लेकिन उम्मीद के अनुसार व्यवसाय नहीं हुआ। वे कहते हैं कि फरवरी में कुछ अच्छा होने की उम्मीद है। लेकिन फिलवक्त कुछ कहा नहीं जा सकता। फुटपाथी व्यवसायी ललन साव, रामाधार आदि कहते हैं कि पर्यटन मौसम में एक तो अतिविशिष्ट अतिथियों के आगमन पर दुकान बंद करने का मार झेले। वहीं, जो भी पूजा हुआ, उसमें श्रद्धालुओं की भागीदारी कम रहने से व्यवसाय काफी प्रभावित हुआ।


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