लालीपाप की तरह बंट गए लैपटाप
गया। अंग्रेजी में एक कहावत है- एवरी थिंग इज फेयर इन लव एंड वार। यानि प्यार और जंग में सब जायज है।
गया। अंग्रेजी में एक कहावत है- एवरी थिंग इज फेयर इन लव एंड वार। यानि प्यार और जंग में सब जायज है। यही हाल मानो यहां के नगर निगम में है। पार्षद पति या उनके प्रतिनिधि के हस्तक्षेप के चर्चे यहां पहले भी आम हो चुके हैं। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश हर कोई कर रहा है। इसलिए सरकार भी प्रयासरत हैं। लेकिन पुरूष ही महिलाओं को सबल बनने में बाधक बने हैं। महिला पार्षद के प्रतिनिधियों के हस्तक्षेप का एक सच नगर निगम में यहीं बयां कर रहा है कि आज भी महिला पार्षद अपने पुरूष प्रतिनिधियों के आगे लाचार व बेबस हैं। वहीं निगम के सहायक अभियंता व कर्मचारी ने महिला पार्षदों के लिए आए लैपटाप उनके हाथ न सौंप कर उनके प्रतिनिधियों के हाथ सौंप दिए।
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पहला नमूना देखिए
53 सदस्यीय गया नगर निगम बोर्ड में मेयर सहित महिला पार्षदों की कुल संख्या 29 है। मेयर को पहले ही लैपटाप मिल चुका है। शेष 28 महिला पार्षदों में से वार्ड नंबर 12 की पार्षद सुमित्रा देवी के प्रतिनिधि (हस्ताक्षर स्पष्ट नहीं) को लैपटाप दे दिया गया है। इसके बाद वार्ड 31 के पार्षद संगीता मणि के प्रतिनिधि नागमणि, वार्ड 33 के पार्षद सुमैया प्रवीण के प्रतिनिधि असद प्रवेज, वार्ड नंबर 43 की पार्षद मीना देवी के प्रतिनिधि विनोद कु. यादव को बेहिचक लैपटाप हस्तगत करा दिया गया।
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दूसरा नमूना देखें
दीगर की बात तो यह है कि जिस कर्मचारी अमित कुमार ने पार्षदों व सहायक अभियंता व लेखा पदाधिकारी को लैपटाप हस्तगत कराया। वो कर्मचारी निगम के किस पद पर कार्यरत है। यह उल्लेख संलेख में नहीं किया गया है। उसने पार्षदों, अभियंता तथा लेखा पदाधिकारी को कुल 30 लैपटाप चार्जर के साथ सौंपने की बात कही है।
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ये भला पीछे कैसे रहते
सहायक अभियंता शैलेन्द्र कुमार सिन्हा, लेखा पदाधिकारी गौतम कुमार कार्यालय में ई-गर्वनेस के तहत कंप्यूटर का पूरा सिस्टम काम कर रहा है। यह सिस्टम पूरी तरह से काम कर रहा है। यहां तक श्री सिन्हा के कार्यालय में लगे सिस्टम को हैंडल करने के लिए कर्मचारी भी तैनात हैं। फिर भी इन दोनों के अलावा सहायक अभियंता मनोज कुमार को लैपटाप उपलब्ध करा दिया गया।
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इन्होंने भी नहीं रोका
नगर निगम के कर्मचारी अमित कुमार ने 30 वां लैपटाप 24.9.15 को सहायक अभियंता मनोज कुमार को सौंपा। इसके बाद संलेख में लिखा कि शैलेन्द्र कुमार सिन्हा, सहायक अभियंता के मार्गदर्शन में उनके द्वारा 28 महिला पार्षद, 2 सहायक अभियंता एवं एक लेखा पदाधिकारी को लैपटाप दिया गया। ऐसे में यहां सवाल उठता है कि अभियंता श्री सिन्हा किस हालात में पार्षदों के प्रतिनिधि को लैपटाप देने दिया।