Move to Jagran APP

पिंडदान करते हुए एक बार सेल्फी तो हो जाए यार

गया। विश्व प्रसिद्ध राजकीय पितृपक्ष मेला महासंगम-2015 में अपने पितरों को मोक्ष दिलाने की खातिर पि

By Edited By: Published: Sun, 04 Oct 2015 06:32 PM (IST)Updated: Sun, 04 Oct 2015 06:32 PM (IST)

गया। विश्व प्रसिद्ध राजकीय पितृपक्ष मेला महासंगम-2015 में अपने पितरों को मोक्ष दिलाने की खातिर पिंडदान करने आए तीर्थयात्री पिंडदान करते हुए पहले एक बार मोबाइल फोन से सेल्फी व फोटो खिचवाते हुए दिख रहे है। पिंडदान करते हुए तीर्थयात्री कहते है कि पितरों का पिंडदान एक बार ही होता है। बार-बार नहीं किया जाता सकता है। इसलिए अपने कैमरे में अगर कैद नहीं करें तो बेवकूफी ही कहलाएगी। सेल्फी लेने व मोबाइल से फोटो खिचवाने के साथ ही अपने परिवार के सदस्य व दोस्तों व संगे संबंधी रिश्तेदार के पास व्हाट्सअप से पिंडदान करते हुए तस्वीर को भेज रहे हैं। इतना ही नहीं फेसबुक पर भी इन पिंडदानियों को पिक्चर पोस्ट करते हुए देखा जा रहा है।

loksabha election banner

दिल्ली के चांदनी चौक से अपने पत्‍‌नी राजेंद्र के साथ आई पम्मी सिन्हा कहती है कि पितरों को मोक्ष दिलाने के समय तस्वीर को खिचकर फेसबुक व व्हास्टअप पर पोस्ट कर दिखलाया जा रहा है कि गयाजी कितना पावन स्थान है। पम्मी कहती है कि यह फोटो आम लोगों के जीवन में भले ही कोई महत्व नहीं रखता है। परंतु उनके जीवन में यह तस्वीर बहुत ही ज्यादा महत्व रखती है। यह तस्वीर को बाद में हम बेटा-बेटियों को दिखायेंगे कि गयाजी में जाकर पिंडदान किया जाता है। यहां आने पर उसे शांति के साथ ही ऐसा लगा कि दुनिया में शायद ऐसा कोई स्थान नहीं है। शायद इसी के कारण गयाजी को मोक्ष की नगरी कहा जाता है। यहां पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

------

पूर्वजों ने भी किया था पिंडदान

छतीसगढ़ से सुजाता दिवनिया अपने पापा कौशल दिवनिया व मां प्रियंका दिवनिया के साथ पिंडदान करने आई है। सुजाता के मां व पिता ने अपने पूर्वजों का रविवार को विष्णुपद मंदिर परिसर में पिंडदान किया। कौशल दिवनिया ने कहा कि गयाजी आकर उसके पूर्वजों ने भी पिंडदान किया था। इसलिए वह भी गयाजी आकर पिंडदान किया। पूर्वजों ने उस समय पिंडदान करते हुए फोटो नहीं खिंचवाया। परंतु उसकी बेटी सुजाता ने कहा कि पापा पिंडदान करते हुए पहले एक फोटो तो हो जाए।

--

कैमरे में कैद कर ली यादें

उत्तर प्रदेश के लखनउ से आए रौशन सिंह ने कहा कि वह अपने मोबाइल से पूरा पिंडदान को ही वीडियों बनाकर अपने गैलेरी में रख रहा है। इतना ही नहीं मोबाइल से तस्वीर ही खींच कर अपने यादें में बसा कर रख रहे है। जिन-जिन पिंडवेदियों पर पिंडदान होता है। वहां की कुछ तस्वीरें को यादगार बनाने के लिए कैमरे में कैद कर रहे हैं। उसके पिता व मां पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए पिंडदान कर रहे है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.