शिक्षा नीति के विरोध में धरना
गया। बिहार राज्य संबद्ध महाविद्यालय शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मचारी महासंघ के बैनर तले समाहरणालय के स
गया। बिहार राज्य संबद्ध महाविद्यालय शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मचारी महासंघ के बैनर तले समाहरणालय के समक्ष सदस्यों ने बुधवार को एक दिवसीय धरना दिया। डा. वृजराज मिश्रा ने अध्यक्षता की। वहीं संचालन डा. अजय कुमार ने किया।
इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि बिहार के संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों में वित्त रहित शिक्षा नीति एक कोढ़ के समान है। लाखों छात्रों का भविष्य पढ़ाई, परीक्षा से लेकर परिणाम तक संबद्ध कालेजों के शिक्षकों पर ही निर्भर है। आज शिक्षक भूखमरी के कगार पर हैं। लेकिन राज्य सरकार एवं राज्यपाल का ध्यान शिक्षकों की बदहाली की ओर नहीं जा रही है। वक्ताओं ने शिक्षकों का आहवान किया कि वे 4 अगस्त को पटना में विधान सभा के समक्ष एकजुट होकर अपनी बात रखें। उन्होंने कहा कि जिस तरह नियोजित शिक्षकों ने अपनी मांग को लड़कर लिया है। उसी तरह अब संबद्ध महाविद्यालय के शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारी राज्य सरकार को बाध्यकर अपना हक ले लेंगे। धरनास्थल से कुमार राकेश कानन, नवल किशोर प्रसाद सिंह, डा. अरविंद कुमार, रामाशीष प्रसाद, गीता प्रसाद सिंह, प्रो.सुनील कुमार, विजय कुमार मिठू, सीनेट सदस्य डा. रूपेश कुमार, लाल बाबू, सरदार सुरेन्द्र, संजय पांडेय, नित्यानंद पांडे, सविता कुमारी, पूनम कुमारी, अंजु कुमारी, बांकेबिहारी शर्मा आदि ने अपनी बात रखी। जिलाधिकारी को एक प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन मांग के संबंध में सौंपा।