पूर्व में भी जनप्रतिनिधियों के साथ हो चुकी मारपीट
पंकज कुमार, गया गया के राजनैतिक इतिहास में कई बार जनप्रतिनिधियों पर हमला हो चुका है। समय-समय की बा
पंकज कुमार, गया
गया के राजनैतिक इतिहास में कई बार जनप्रतिनिधियों पर हमला हो चुका है। समय-समय की बात हैं। कल तब स्वयं पीड़ित रहे जनप्रतिनिधि आज दुकानदार के पक्ष में खड़े हैं। वहीं, राजद विधायक डा.सुरेन्द्र प्रसाद यादव के साथ रविवार को घटित घटना पहली नहीं हैं। पूर्व में हमला हो चुका है।
1990 में पहली बार गया नगर से प्रेम कुमार विधायक निर्वाचित हुए। कोतवाली थाना के सीढि़या घाट मुहल्ले एक युवक की हत्या हुई थी। विधायक श्री कुमार के नेतृत्व में हत्याकांड के विरोध में उग्र जन आंदोलन शुरू हुआ। स्थानीय पुलिस-प्रशासन आंदोलन से परेशान था। विधायक श्री कुमार पर हमला हुआ। श्री कुमार के साथ बेरहमी से मारपीट की गई। कोतवाली से चौक हनुमान मंदिर तक मारते-पीटते पुलिसकर्मी ले गए थे। मामला विधानसभा के विशेषाधिकर समिति के पास पहुंची। अजीत सरकार के नेतृत्व में समिति की रिपोर्ट पर तत्कालीन नगर डीएसपी व सदर एसडीओ निलंबित हुए। उसी साल शेरघाटी पुलिस पर बोधगया के भाकपा विधायक बालिक राम के साथ मारपीट करने का आरोप लगा। विशेषाधिकार समिति में मामला गया। तत्कालीन कई पुलिस पदाधिकारियों को एक-दो वर्षो तक समिति के सामने पेश होकर सफाई देनी पड़ी थी।
राजद विधायक डा.सुरेन्द्र प्रसाद यादव के साथ गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कालेज सह अस्पताल में पूर्व में मारपीट इंर्टन व मेडिकल के छात्रों ने की थी। विधायक डा. यादव के सरकारी अंगरक्षकों ने बचाव मे गोली चलाई। लेकिन उन्हें ही जेल जाना पड़ा।
1980 से 1990 तक गया के दस साल तक नगर विधायक रहे जय कुमार पालित को चुनाव के जिला स्कूल परिसर स्थित बूथ पर सत्ताधारी दल के नेताओं व समर्थकों के द्वारा बेरहमी से पिटाई की गई। श्री पालित को कई दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ा था।