भारतीय संस्कृति का सम्मान करें : सीएम
जागरण संवाददाता, गया : गया के मानपुर स्थित गोशाला के 126वें वार्षिकोत्सव समारोह में मुख्यमंत्री ज
जागरण संवाददाता, गया :
गया के मानपुर स्थित गोशाला के 126वें वार्षिकोत्सव समारोह में मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि भारतीय संस्कृति का सम्मान करने की जरूरत है। गया गोशाला की समस्याओं का समाधान अगले महीने होने वाले उच्च स्तरीय बैठक में किया जाएगा। कल देर शाम मुख्यमंत्री के गया गौशाला के वार्षिकोत्सव समारोह में शामिल होने का न्योता देने प्रबंधन समिति गई थी। जिसे मुख्यमंत्री ने सहर्ष स्वीकार लिया और शुक्रवार को एक घंटा विलंब से गौशाला पहुंचे मुख्यमंत्री ने सर्वप्रथम ध्वजारोहण उपरांत गौ को गुड़ खिलाया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि यह जानकर अफसोस हुआ कि सरकारी और गैरसरकारी अधिकारी मिलकर भी गौशाला को ठीक ढंग से नहीं रख पा रहे हैं। इनकी कई समस्याओं को मैने जाना है। उन समस्याओं पर शीघ्र गौर किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री मांझी ने कहा कि मेरे कार्यकाल के दौरान गया के लिए विकास की जो भी बातें हुई उनकी समीक्षा उच्च स्तरीय अधिकारियों की एक टीम करेगी। यह टीम नवंबर में गया आएगी। उसी टीम के समक्ष गोशाला की भी समस्या रखी जाएगी। उन्होंने गोशाला के प्रबंधन समिति और वक्ता अनूप केडिया को समस्याओं से संबंधित एक मेमोरेंडम तैयार कर देने की बात कही। उन्होंने कहा कि यह गौशाला ही नहीं गौरक्षणी है। यानी शारीरिक हीनता को तिरस्कार करने की जरूरत नहीं है। उसे अपनाना चाहिए। यह हमारा पावन कर्तव्य है कि भारतीय संस्कृति को हम सम्मान दें। इस मौके पर गौशाला प्रबंधन की ओर से शिव कैलाश डालमिया, हरि केजरीवाल और डा. कौशलेन्द्र प्रताप ने पुष्पहार पहनाकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
गोशाला की तीन प्रमुख समस्या
गया : 1888 में स्थापित गया गोशाला आज कई समस्याओं से जूझ रहा है। मुख्यमंत्री के समक्ष प्रबंधन से जुड़े अनूप केडिया ने उन 400-500 एकड़ जमीन की चर्चा की। जो नाजायज तरीके से पर्चाधारियों को दे दिया गया है। श्री केडिया ने अधिशेष भूमि को चिह्नित कर गोशाला के अधिकार में लाने की मांग की। गोशाला की जमीन पर नगर निगम द्वारा नाला बना देने और पूरे क्षेत्र को दलदल हो जाने की बात कही। कहा कि इससे चरागाह की कमी हो गई है। उसे ठीक कराया जाए। साथ ही साथ उन्होंने पूरे जिले में कानूनी तौर पर जब्त जानवरों को यहां पहुंचा देने के बाद उस पर होने वाले व्यय को वहन करने की मांग रखी।