प्रशासन और निगम की उपेक्षा का शिकार बिंदेश्वरी घाट
संवाद सहयोगी (गया नगर) : शहर के मोरिया घाट के समीप बिंदेश्वरी घाट का निर्माण वर्ष 1926 में किया ग
संवाद सहयोगी (गया नगर) : शहर के मोरिया घाट के समीप बिंदेश्वरी घाट
का निर्माण वर्ष 1926 में किया गया था। लेकिन प्रशासन, नगर निगम के उपेक्षा का बराबर शिकार रहा है। इतना ही नहीं बिंदेश्वरी घाट के मुख्य द्वार के दाएं और बांए दोनों ओर एक-एक द्वार बना है। यह द्वार छठव्रतियों व श्रद्धालुओं के आवागमन के लिए बनाया गया था। लेकिन उक्त दोनों द्वार अतिक्रमण का शिकार है। ऐसी स्थिति में मजबूरन सिर्फ एक द्वार से श्रद्धालुओं को नदी में प्रवेश करना पड़ता है। ऐसे तो बहुत दिनों तक यह घाट बंद रहा था।
स्थानीय लोगों की सक्रियता के बाद वर्ष 2013 से उक्त घाट पर श्रद्धालुओं का आवागमन शुरू हो पाया है। लोगों के आग्रह पर तात्कालिक नगर विकास मंत्री सह नगर विधायक डा.प्रेम कुमार ने बिंदेश्वरी घाट का जीर्णोद्वार कराया था। जानकार बताते है कि जीर्णोद्वार में घाट के मुख्य द्वार पर गेट लगाने की बात थी। परन्तु कार्य पूरा भी हो गया। पैसे की निकासी भी कर ली गई। लेकिन बिंदेश्वरी घाट के मुख्य द्वार नहीं लगाया गया। अभी नदी में मानव मल फैला हुआ है। जिस पर प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है।
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लोगों की राय
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निगम ने नहीं दिया ध्यान
फोटो-11 जेपीजी में
बैजू प्रसाद कहते हैं कि 1926 में राय बिंदेश्वरी प्रसाद द्वारा बनाया गया यह घाट वर्षो तक उपेक्षित रहा। तीन वर्ष पूर्व नगर विधायक प्रेम कुमार से आग्रह कर सीढि़यों का जीर्णोद्वार कराया गया। 2013 से स्थानीय लोग व प्रशासन के सहयोग से यह घाट छठव्रतियों के लिए तैयार हुआ। गत वर्ष 50 हजार छठव्रति अर्घ्य दान करने के लिए पहुंचे। 2014 में जो सफाई का कार्य हुआ है। वह स्थानीय लोगों की मदद से हुआ है। नगर निगम ने अभी तक कोई सफाई का काम नहीं किया है। जेसीबी मशीन की बहुत आवश्यकता है। घाट के नीचे और नदी में गंदगी है। उसे हटाया जा सके।
मुहल्लेवासी मिलकर कर रहे सफाई
फोटो-12 जेपीजी में
शिव प्रसाद चौरसिया ने कहा कि प्रशासन या नगर निगम के तरफ से कोई अधिकारी अभी तक देखने तक नहीं आए हैं। व्यवस्था की बात तो दूर। जो कुछ भी सफाई हुआ है। वह मुहल्ले वालों से मिलकर किए हैं। अब जो काम है। वह प्रशासन या नगर निगम की कर सकता है। बिंदेश्वरी घाट के दो द्वार पर कब्जा करके दुकानें बना दी गई है। जिससे छठव्रतियों को जाने में दिक्कत होती है।
घाट पर जेसीबी मशीन की जरूरत
फोटो-13 जेपीजी में
विनय शर्मा बताते हैं कि पिछले वर्ष प्रशासन का सहयोग और कार्य सराहनीय था। इस वर्ष छठ की शुरूआत सोमवार से हो जाएगी। परन्तु अभी तक प्रशासन के तरफ से न कोई सफाई कर्मी आया है, और ना ही जेसीबी मशीन। स्थानीय निवासी बैजू बाबू मुहल्ले वालों के सहयोग से जो कुछ सफाई का कार्य कर रहे हैं।
प्रशासन कराए नदी की सफाई
फोटो-14 जेपीजी में
बाबू लाल सिंह ने कहा कि हिन्दू धर्म में छठ व्रत के लिए साफ-सफाई, पवित्रता का बहुत महत्व है। परन्तु बिंदेश्वरी घाट की स्थिति दयनीय है। सीढि़यो की सफाई मुहल्ले वाले ने कर दी है। परन्तु नदी में जो गंदगी है। उसे हटाने के लिए जेसीबी मशीन की जरूरत होगी। प्रशासन जल्द से जल्द यहां सफाई का कार्य शुरू करें। अब इस घाट पर 50 से 60 हजार श्रद्धालु आते हैं।
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प्रशासन से मुहल्लेवासी की मांग
-सुरक्षा के लिए पुलिस बल
-रोशनी के लिए जेनरेटर, घाट पर हैलोजन, 50 मरकरी।
- अतिक्रमित दो गेट को मुक्त कराकर छठव्रतियों के लिए सुविधा मिले।
-सफाई कर्मी एवं रात्रि प्रहरी की व्यवस्था
- पीने का शुद्ध पानी।