दहेज हत्या में पति को उम्रकैद
जागरण संवाददाता, गया :
तदर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश दूधनाथ सिंह ने दहेज हत्या के आरोप सिद्ध होने के पश्चात अभियुक्त चन्द्रशेखर यादव उर्फ बलमा (पति) को धारा 304 बी (दहेज हत्या) के तहत सश्रम आजीवन कारावास एवं 50 हजार रूपया अर्थ दंड की सजा शुक्रवार को भीड़ भरी अदालत में सुनायी है। साथ ही भादवि की धारा 201 (साक्ष्य छुपाना) के तहत सश्रम तीन वर्ष की कारावास एवं 1 हजार रूपया अर्थ दंड की भी सजा दी है। सजा सुनाने के बाद अभियुक्त को केन्द्रीय कारागार भेजने का आदेश दिया।
घटना 17 मई 2011 की है। टिकारी थाना कांड संख्या 86/11 कोंच थाना के ग्राम बिजहरा मठ निवासी राम बखोरी यादव के बयान पर दर्ज किया गया था। उसने पुलिस को बताया था कि अपनी बुटी मधु की शादी टिकारी थाना के ग्राम चैनपुर निवासी लखन यादव के पुत्र चन्द्रशेखर यादव उर्फ बलमा के साथ वर्ष 2006 में किया था। शादी के एक साल बाद ही मधु के ससुराल वाले दहेज में एक मोटरसाइकिल एवं 50 हजार नगद की मांग किया जाता था। दहेज के लिए मधु को प्रताड़ित किया जाता था। 17 मई को मोबाइल पर सूचना प्राप्त हुई कि मधु की मृत्यु हो गई है। सूचना पर जब उसके घर गये तो वहां कोई नहीं मिला। उसे पता चला कि मधु को ससुराल वाले किरासन छिड़क कर जला दिया था। साक्ष्य छुपाने के लिए शव को जला दिया गया। पुलिस ने केवल चन्द्रशेखर यादव के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में समर्पित किया था। 18 जुलाई 2012 को आरोप गठन किया गया।