बौद्ध संसद में समस्या व संवैधानिक अधिकारों पर चर्चा
जागरण संवाददाता, बोधगया (गया) : भगवान बुद्ध की ज्ञानभूमि बोधगया में देश भर के बौद्ध भिक्षु व धर्मावलंबी अपनी समस्या और संवैधानिक अधिकारों पर चर्चा करने के लिए जुटे हैं। यह चर्चा बोधगया के अंतरराष्ट्रीय साधना केन्द्र में शनिवार से शुरू हुए बौद्धों के तीसरे संसद में शुरू की गई है। संसद का उद्घाटन शनिवार को अल्पसंख्यक आयोग के बौद्ध सदस्य छेरिंग नामग्याल सानू ने किया। बौद्ध संसद के राष्ट्रीय संगठक एआर गौतम ने बताया कि इस तीसरे संसद में बौद्धों के संवैधानिक अधिकार, राष्ट्रीय समस्याओं, बोधगया विकास प्राधिकार का गठन, गया रेलवे स्टेशन से बोधगया तक मेट्रो रेल कारीडोर बनाने और आधुनिक सुविधा युक्त बोधगया को स्मार्ट सिटी बनाने पर चर्चा की गई है। इस बैठक में देश के विभिन्न प्रदेशों से लगभग 150 बौद्ध संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हैं। बैठक में गत वर्ष 7 जुलाई को बोधगया में घटित सीरियल बम धमाके की निंदा की गई। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय समन्वय समिति ने 8 व 18 जुलाई 2013 को प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री भारत सरकार को तथा बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से महाबोधि मंदिर के अलावे अन्य बौद्ध मोनास्ट्री की सुरक्षा के लिए अर्द्ध सैनिक बल की तैनाती की मांग की थी। परंतु अभी तक इस दिशा में पहल नहीं किया जाना खेदजनक है। इससे ऐसा लगता है कि सरकार व जिला प्रशासन बम धमाके के बाद भी संवेदनहीन बनी है। उन्होंने कहा कि संसद में अन्य मुद्दों पर भी प्रस्ताव पारित किए गए है। संसद में संघ राजा डा. भिक्षु सत्यपाल महाथेरा, डा. वरा संबोधि महाथेरा, सह संयोजक भिक्षु प्रियपाल सहित अन्य शामिल हैं। संसद का समापन रविवार को होगा।