हत्या में एक को आजीवन कारावास
जागरण संवाददाता, गया :
बारह वर्ष पहले हुए हत्या में एक अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा शुक्रवार को न्यायालय द्वारा सुनायी गयी है।
तदर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश दूधनाथ सिंह ने अभियुक्त मुकेश सिंह को भदवि की धारा 302 के तहत सश्रम आजीवन कारावास एवं 10 हजार रुपया अर्थ दंड एवं भदवि की धारा 325 के तहत सात वर्ष कारावास एवं 5 हजार रुपया अर्थ दंड की सजा भीड़ भरी अदालत में सुनायी है।
टिकारी थाना कांड संख्या 142/2002 अशोक सिंह के बयान पर दर्ज किया गया था। उसने पुलिस को बताया था कि अलालपुर गांव के मुकेश सिंह,सत्येन्द्र सिंह,रामदास सिंह एवं गनौरी सिंह 17 मार्च 02 को लाठी,डंडा,गड़ासा के साथ उनके घर पर आया और उनके छोटे भाई परमहंस सिंह को मार कर बुरी तरह से घायल कर दिया। छुड़ाने के क्रम में उन्हे व उनके पिता बालरूप सिंह को भी मार पीट कर घायल कर दिया। इलाज के दौरान 19 मार्च को परमहंस सिंह की मौत हो गई। घटना का कारण पुराना विवाद बताया जाता है। मुकदमें में कार्यरत अपर लोक अभियोजक एस.एस.शाहीद गन्नी ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि इस कांड का ट्रायल पहले प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के यहां चल रहा था। अभियोजन के सारे गवाह पूर्ण हो गया था। अभियुक्त के बयान के लिए अभिलेख रखा गया था। अभियुक्त मुकेश सिंह को जेल से लाया गया था। वर्ष 2004 में मुकेश सिंह न्यायालय के हाजत से फरार हो गया था। मुकेश सिंह का केश अलग कर दिया गया और ट्रायल का सामना कर रहेअन्य अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गई थी। लगभग नौ साल बाद मुकेश सिंह किसी दूसरे कांड में पकड़ा कर जेल गया । फिर अभियोजन के आवेदन पर मुकेश को इस कांड में ट्रायल किया गया। अभियोजन की ओर से कुल नौ गवाहों ने अभियोजन के पक्ष में न्यायालय के समक्ष गवाही दिया। अभिलेख पर उपलब्ध साक्ष्य एवं बयान के आधार पर न्यायाधीश ने फैसला सुनाया। सजा सुनाने के बाद अभियुक्त को सजा काटने के लिए जेल भेजने का आदेश दिया।