.. और बसंती भी चल बसी
संवाद सूत्र, अतरी (गया) : कुछ दिन पहले की ही बात है जब सिने स्टार आमिर खान गहलौर घाटी आए थे तब बसंती उनसे मिली थी। और उन्हें अपने और अपने परिवार का दुखड़ा भी सुनाई थी। जिसमें खुद को बीमार होने की बात भी कही थी। आमिर ने हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया था। अभी तो आमिर के गहलौर आने की याद धूंधली भी नहीं हुई थी कि शनिवार को खुद बसंती धुंध में समा गई। अब उसके अरमान भी अधूरे रह गए। वह बराबर कहा करती थी कि-बाबा ने पत्थर काटकर पहाड़ पर रास्ता बना दिया। लेकिन उसके परिवार (पति, पुत्री-दामाद व नाती) की पहाड़ वाली जिंदगी से छुटकारा कोई नहीं दिला पाया।
बसंती खुद दमा रोग से पीड़ित थी। वह अपना इलाज बिहारशरीफ में एक निजी चिकित्सक से येनकेन प्रकारेण करवा रही थी। शुक्रवार की रात अचानक तबीयत बिगड़ी और परिजन उसे शनिवार की सुबह प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र अतरी ले जाने हेतु एम्बुलेंस मंगवाया। स्वास्थ्य केन्द्र से डा. उपेन्द्र कुमार एम्बुलेंस लेकर आए और जांच कर बसंती को मृत करार दे दिया। इस बात की सूचना नीमचक बथानी अनुमंडल पदाधिकारी संजय शर्मा के पास पहुंची। उन्होंने तत्काल पारिवारिक लाभ योजना मद से 20 हजार नकद और कबीर अंत्येष्टी योजना के तहत 15 सौ रुपया बसंती के परिजन को मुहैया कराए।
यहां बता दें कि दशरथ मांझी ने पत्नी प्रेम में पहाड़ तो काट डाला लेकिन उस कटे पहाड़ पर बने रास्ते को देखने के लिए वह भी नहीं रही थी।