डाक टिकटों में दिखी भारत व अन्य देशों की संस्कृति की झलक
संवाद सहयोगी (गया नगर) : अगर आप किसी भी देश के बारे में जानना चाहते हैं तो विशेष भाग दौड़ करने की जरूरत नहीं है। बस थोड़ी सी प्रयास कर डाक टिकट का अवलोकन करने की जरूरत है। डाक टिकट में किसी भी देश व राज्य की संस्कृति, सभ्यता और विरासत की झलक मिल जाएगी। जो वहां के सम्पूर्ण चित्रों का चित्रण कर देगी। कुछ ऐसा ही नजारा दिखाने का प्रयास डाक विभाग विभाग ने डाक टिकट महोत्सव के माध्यम से किया है। दो दिवसीय डाक टिकट महोत्सव का शुभारंभ शनिवार को प्रवर डाक अधीक्षक जे.पी.सिंह ने फीता काटकर किया।
इस मौके पर श्री सिंह ने डाक टिकट संग्रह करने पर विशेष प्रकाश डाला। उन्होंने ने कहा कि डाक टिकट संग्रह करने के बाद अपना भविष्य संवार सकते हैं। यह भी एक प्रकार का शौक है। ऐसे तो फिलाटेलिस्ट की संख्या बहुत कम है। लेकिन जिन लोगों ने इस शौक को अपनाया है उनके पास जो टिकट संग्रहित है उसकी कीमत आंकी नहीं जा सकती है। अगर कोई युवा फिलाटेलिस्ट बनना चाहते हैं तो वैसे लोग डाक विभाग से सम्पर्क कर 200 रुपये तक अपना खाता खुलवा सकते हैं। खाता में उपलब्ध राशि के अनुसार डाक विभाग द्वारा जारी सभी प्रकार की टिकट उपलब्ध हो जाएगी। इस तरह से उनके पास डाक टिकट का संग्रह हो सकता है। भगवान बुद्ध की 80 फीट प्रतिमा का एक विशेष आवरण का भी विमोचन किया गया। उद्घाटन समारोह में सेवानिवृत डाक निदेशक सी.डी.यादव, सेवानिवृत सतर्कता अधिकारी एचएन तिवारी, डाक टिकट संग्रहकत्र्ता आरके रस्तोगी, अनुराधा रस्तोगी, अनिल सक्सेना आदि ने विचार व्यक्त किए। मंच का संचालन मिथिलेश कुमार ने किया।
महोत्सव में कई फिलाटेलिस्ट ने करीब 3 हजार 500 टिकटों को आम लोगों के लिए प्रदर्शित किया है। जो अपने आप देशी व विदेशी संस्कृति को प्रदर्शित कर रही है। इतने बड़े पैमाने पर यहां दूसरी बार डाक टिकट को प्रदर्शित किया गया है जो रविवार तक प्रवर डाक अधीक्षक कार्यालय में लगा रहेगा।