बिहार के छौड़ादानो में रची गई थी घोड़ासहन ट्रैक कांड की साजिश
एनआइए की गिरफ्त में आए रंजय साह ने घोड़ासहन ट्रैक कांड में अपनी संलिप्तता स्वीकार करते हुए बताया कि इस कांड की साजिश को छौड़ादानो के जनता चौक पर अंतिम रूप दिया गया था।
पूर्वी चंपारण [जेएनएन]। एनआइए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) की गिरफ्त में आए बिहार के झरोखर थाना क्षेत्र के अठमुहान निवासी रंजय साह ने बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के घोड़ासहन ट्रैक कांड और आदापुर थाने में दर्ज दोहरे हत्याकांड में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है। पूछताछ में उसने नए तथ्यों का भी पर्दाफाश किया।रविवार को उसे पटना के बेउर जेल भेज दिया गया।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार रंजय ने बताया कि घोड़ासहन कांड व आदापुर के दो युवकों को नेपाल ले जाकर मौत के घाट उतारने में वह भी शामिल था। घोड़ासहन में रेल ट्रैक व ट्रेन उड़ाने की साजिश को छौड़ादानो के जनता चौक पर ही अंतिम रूप दिया गया था। इससे आगे उसने पूर्व में गिरफ्तार मोतीलाल पासवान द्वारा कही गई बातों का जिक्र किया। उसने गिरोह में शामिल कई नए लोगों के नाम भी बताए। इन लोगों की खोज की जा रही है।
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बता दें कि आइएसआइ के पूर्व में गिरफ्तार पांच लोगों से की गई पूछताछ के बाद एनआइए ने दो दिन पूर्व रंजय को दबोचा था। इससे पहले पूर्वी चंपारण जिले के घोड़ासहन स्टेशन के पास आइईडी प्लांट करानेवाला शमसुल होदा नेपाल में पकड़ा गया।वह आइएसआइ का एजेंट है।वह आइएसआइ और डी कंपनी के संपर्क में भी था।उसका संबंध चार देशों के अपराधियों से था।
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