बहरी व संवेदनहीन है सरकार
मोतिहारी। घोडासहन केनाल पथ की जर्जर हालत और इसके निर्माण को लेकर ग्राम स्वराज मंच के कार्यकर्ताओं ने
मोतिहारी। घोडासहन केनाल पथ की जर्जर हालत और इसके निर्माण को लेकर ग्राम स्वराज मंच के कार्यकर्ताओं ने गुरूवार को स्टेशन रोड स्थित सिचाई विभाग कार्यालय परिसर में अनिश्चितकालिन धरना शुरू किया। मंच के अध्यक्ष रमेश कुमार ¨सह ने कहा कि सरकार व विभाग बहरी व संवेदनहीन हो गयी है। उसे आमलोगों के दर्द का एहसास नही है कि लोगों को इस सड़क से आने-जाने मे कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यह पथ एक दशक से जानलेवा गढ़े में तब्दील हो गया है। इसके निर्माण के लिए मंच ने सात बार धरना-प्रदर्शन किया। तीन बार चौपाल लगाया। लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात। वही बिनोद कुशवाहा, परमानन्द सहनी, हिरालाल कुशवाहा, शिवशंकर राम, कैलाश ठाकुर ने कहा कि इस बार हम सभी अर्थी लेकर आये है। सड़क का निर्माण होगा या हमलोगो कि अर्थी निकलेगी। मौके पर दशई पासवान, पारस पासवान, लालबाबू ¨सह, अशोक कुमार, सत्येन्द्र साह, बिजय तिवारी, मोमताज अहमद, रामजीवन बैठा, अंम्बिका पासवान, बिनोद पासवान, सोनू पाण्डेय, दीपक तिवारी, विरेन्द्र ठाकुर, आशिक मिया, संजय साह, भुआली पाल, रूदल राम आदि मौजूद थे।
तीन अधिकारी भी लिख चुके है पत्र
इस पथ की जर्जरता को लेकर तीन अधिकारियों ने विभग को त्राहिमाम पत्र भेजा है। इन अधिकारियों में एसडीओ श्रीप्रकाश, आदापुर थानाध्यक्ष व प्राथमिक स्वास्थ्य प्रभारी शामिल है। पत्र में उन्होने यथाशीघ्र सड़क निर्माण की मांग की है। एसडीओ ने पत्र में कहा है कि यदि बाढ आ जाए तो रक्सौल से आदापुर, घोडासहन, छौडादनो आदि क्षेत्रों से संर्पक टूट सकता है। ला-एण्ड-ऑर्डर की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। थानाध्यक्ष संजीव कुमार ने लिखा है। कि भारत-नेपाल सीमा का यह अति महत्वपूर्ण सड़क है। पुलिस व एसएसबी का गस्ती व आने-जाने का मुख्य मार्ग है। वही पीएचसी प्रभारी डा नागेन्द्र प्रसाद ने कहा है कि यदि सड़क दुरूस्त रहेगा। तभी आम लोगों तक दवाए एवं तत्काल सेवा उपलब्ध हो सकेगा।
विभाग ने भी लिखा है प्रधान सचिव को पत्र
भारत-नेपाल सीमा तक जाने वाली मोतिहारी से रक्सौल एनएच के वैकल्पिक मार्ग के रूप में अतिमहत्वपूर्ण सड़क है। इस सड़क की महत्ता को देखते हुए इसे यथाशीघ्र निर्माण को लेकर घोडासहन केनाल के एसी अनिल कुमार ने जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव को पत्र भेजा है। पत्र के संर्दभ में निर्माण के लिए पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव को भी पत्र लिखा जा चुका है। लेकिन अभी तक यह सड़क निर्माण की बाट जोह रहा है।